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सिंगरौली-सीधी में बैगा समाज योजनाओं से वंचित: कलेक्टर को ज्ञापन, जिले को बैगा विकास प्राधिकरण में शामिल करने की मांग
Singrauli, MP
प्रदेश अध्यक्ष राममिलन बैगा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कहा—सरकारी घोषणाओं के बावजूद दो जिलों को अभी तक विशेष पिछड़ी जनजाति लाभों का पूरा दायरा नहीं मिला
सिंगरौली में गुरुवार को बैगा समाज सेवा मध्य प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और बैगा समुदाय से जुड़ी लंबित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रदेश अध्यक्ष राममिलन बैगा के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि सिंगरौली और सीधी जिले में रहने वाले बैगा समुदाय को विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) के तहत मिलने वाली कई महत्वपूर्ण योजनाओं से अब भी वंचित रखा जा रहा है। यह मुद्दा आज की ताज़ा ख़बरों और भारत समाचार अपडेट में एक प्रमुख पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी बन गया है।
प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, प्रदेश के अनेक जिलों में बैगा समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार और विशेष भर्ती जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं, लेकिन सिंगरौली और सीधी अभी भी इन योजनाओं के दायरे से बाहर हैं। समाज के सदस्यों का कहना है कि यह स्थिति न केवल असमानता पैदा कर रही है बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों की जनजातीय विकास नीतियों के उद्देश्य को भी प्रभावित कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष राममिलन बैगा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें बैगा जनजाति के लिए कई विशेष योजनाएँ चला रही हैं। इसके बावजूद सिंगरौली और सीधी को अब तक बैगा परियोजना में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार बैगा समाज को अत्यंत पिछड़ी जनजाति मानती है, ऐसे में इन जिलों को योजनाओं से बाहर रखना नीतिगत रूप से अनुचित है।
पुरानी घोषणाएँ अधूरी, कार्रवाई पर सवाल
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा सिंगरौली को बैगा परियोजना में शामिल करने की घोषणा कई बार की गई थी। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि इन घोषणाओं पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे बैगा समाज की समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर जोर
प्रतिनिधियों ने मांग रखी कि सिंगरौली को जल्द बैगा परियोजना और बैगा विकास प्राधिकरण के दायरे में शामिल किया जाए। उनका कहना है कि ऐसा होने पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, आवास और रोजगार से जुड़ी सरकारी सुविधाएँ सीधे बैगा समुदाय तक पहुंचने लगेंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा बिरसा मुंडा जयंती पर घोषित जनजातीय विकास कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि इन योजनाओं का लाभ तभी मिल सकेगा जब स्थानीय प्रशासन त्वरित कार्रवाई करे।
प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई कि प्रशासनिक स्तर पर सकारात्मक निर्णय लेकर बैगा समाज की लंबे समय से लंबित मांगों का समाधान किया जाएगा। यह मुद्दा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार परिदृश्य में जनजातीय अधिकारों की बहस को और तेज करता है।
