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सरकारी नौकरी बचाने के लिए दंपति ने 3 दिन के मासूम को जंगल में दबाया, ग्रामीणों ने बचाई जान”
Chhindwara

छिंदवाड़ा में टीचर दंपति ने चौथी संतान को बोझ मानकर पत्थरों के नीचे दबाया, ग्रामीणों की सतर्कता से बची जिंदगी; आरोपी गिरफ्तार।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दंपति ने अपनी सरकारी नौकरी बचाने के लिए 3 दिन के नवजात बेटे को जंगल में पत्थरों के नीचे दबाकर मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता से मासूम की जान बच गई।
धनोरा चौकी क्षेत्र के नांदनवाड़ी गांव में यह मामला सामने आया। आरोपी पिता बबलू डांडोलिया, जो प्राथमिक शाला में शिक्षक है, और उसकी पत्नी राजकुमारी डांडोलिया ने चौथी संतान को बोझ मानते हुए यह शर्मनाक कदम उठाया। पहले से तीन बच्चों के माता-पिता इस दंपति को डर था कि नई संतान के चलते सरकारी नौकरी पर असर पड़ेगा।
ग्रामीणों ने जंगल से बच्चे की रोने की आवाज सुनी और जब पास गए तो मासूम पत्थरों के नीचे दबा मिला। उसके शरीर पर चींटियों के गहरे काटने के निशान थे। तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी गई और बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
शुरुआत में पुलिस ने दंपति के खिलाफ परित्याग का मामला दर्ज किया था, लेकिन जांच में यह साबित हुआ कि यह सुनियोजित हत्या का प्रयास था। इसके बाद आरोपियों पर हत्या के प्रयास और आपराधिक षड्यंत्र की धाराएं बढ़ाई गईं। फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस पूरे मामले ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। जहां एक ओर ग्रामीणों की सतर्कता ने मासूम की जिंदगी बचा ली, वहीं सरकारी नौकरी के लिए इस तरह का कदम उठाने वाले दंपति की करतूत ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।