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भारत से मानसून की विदाई: अच्छी बारिश से किसानों को फायदा, कुछ जगहों पर आपदाओं की चेतावनी
Digital desk

चार महीने तक चले मानसून के दौरान सामान्य से 8% अधिक बारिश, खरीफ फसलों की बुआई बढ़ी
चार महीने तक चले मानसून ने मंगलवार को हल्की बारिश के साथ औपचारिक रूप से देश को अलविदा कहा। इस वर्ष सामान्य से लगभग 8% अधिक वर्षा दर्ज की गई। हालांकि कई हिस्सों में अच्छी बारिश ने किसानों के लिए राहत दी, वहीं पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में 20% से कम बारिश होने के कारण कुछ क्षेत्रों में चिंताएं बनी रहीं।
फसलों की बुआई में बढ़ोतरी
आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में मानसून के चार महीनों में केवल तीन महीने में कम बारिश हुई। इस कमी के बावजूद देश में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे खरीफ फसलों की बुआई में बढ़ोतरी हुई। इस बार की बारिश ने किसानों को आर्थिक रूप से फायदा पहुंचाया।
प्राकृतिक आपदाओं का असर
उत्तर-पश्चिम भारत और अन्य कई हिस्सों में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, यह साल 2001 के बाद पांचवीं और 1901 के बाद लगभग 38वीं बार हुआ है जब देश में इतनी विविधता वाली मानसूनी बारिश हुई है।
रिकॉर्ड स्तर पर उत्पादन की उम्मीद
कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस बार खरीफ फसलों का कुल बुआई क्षेत्र 1,120 लाख हेक्टेयर रहा, जो सामान्य से 24 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसके चलते 2025-26 में खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है। इससे देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अक्टूबर में भी बने रह सकते हैं प्रभाव
आईएमडी ने अनुमान जताया है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। विशेषकर अक्टूबर में दक्षिण भारत में अच्छी बारिश हो सकती है। वहीं उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, जबकि अन्य हिस्सों में यह थोड़ा कम रह सकता है