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सांची और NDDB के बीच होगा MOU, केंद्रीय मंत्री अमित शाह रहेंगे मौजूद
BHOPAL, MP

मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव ने अमित शाह की भोपाल में मौजूदगी में एनडीडीबी और सांची के बीच एमओयू की तारीख फाइनल कर दी है.
Bhopal में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट होने जा रही है. इसमें देश और विदेश के बड़े उद्योगपति शामिल होंगे, जो मध्यप्रदेश में निवेश के लिए उत्सुक हैं. वहीं जीआईएस के दौरान ही मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड यानि एनडीडीबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे. पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादक किसानों और उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए सांची के 6 प्लांटों का एनडीडीबी के साथ संचालन को लेकर अनुबंध किया जाना है. इस एमओयू को लेकर ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एमओयू
इस अनुबंध के तहत मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन का जिम्मा अगले 5 साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को सौंपा जाएगा. यह एमओयू जीआईएस के दूसरे दिन होगा. बता दें कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीआईएस का शुभारंभ करेंगे. जबकि केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह 25 फरवरी को इसके समापन समारोह में शामिल होंगे. मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव ने अमित शाह की भोपाल में मौजूदगी को देखते हुए एनडीडीबी और सांची के बीच एमओयू की तारीख फाइनल कर दी है. अब 25 फरवरी को ही दोनों के बीच अनुबंध होगा.

'सांची का नहीं बदलेगा ब्रांड नेम'
सांची दुग्ध संघ के एमडी डॉ सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि "एनडीडीबी न तो दुग्ध संघों को अपने आधिपत्य में लेगा और न ही ब्रांड सांची के नाम में बदलाव करेगा. पिछले साल सितंबर में भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ भारत सरकार की पशुपालन एवं डेयरी सचिव अल्का उपाध्याय और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक मीनेश शाह ने बैठक की थी. बैठक में दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण को लेकर चर्चा हुई थी. साथ ही बैठक में मध्य प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच एमओयू को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी थी. अब 5 महीने बाद एमओयू की तारीख तय हो गई है."

मध्यप्रदेश के 11,000 गांवों से खरीदा जाएगा दूध
प्रदेश में फसल क्रांति के बाद अब दूध क्रांति से पशुपालकों, किसानों को संपन्न बनाया जाएगा. प्रदेश में न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि की कोशिश की जा रही है बल्कि पशुपालकों को दूध की उचित कीमत दिलाने की भी पहल की गई है. ऐसे में दूध उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड मध्यप्रदेश के 11,000 गांवों में कलेक्शन सेंटर खोलेगा. जिससे इन गांव में रहने वाले किसानों को दूध की उचित कीमत मिल सके और उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी हो.
किसान और समितियां होंगी मालामाल
अभी सांची दुग्ध संघ की दुग्ध समितियां किसानों से केवल सुबह के समय में दूध खरीदती हैं. ऐसे में दूध किसानों को स्थानीय स्तर पर कम दाम में बेचना पड़ता है या इसका खुद उपयोग करना पड़ता है. अब एनडीडीबी किसानों से दोनों समय के दूध का कलेक्शन करेगा. जिससे किसानों की आय तो दोगुना होगी ही, बल्कि समितियों को भी ज्यादा कमीशन मिलेगा.
'5 साल में दो गुना होगा उत्पादन'
सांची दुग्ध संघ के एमडी सतीश कुमार एस ने बताया कि "एनडीडीबी के कमान संभालने के बाद कच्चे दूध की प्रोसेसिंग करने, पाऊडर बनाने और अन्य उत्पाद बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापति किया जाएगा. जिसमें एक साथ सभी दुग्ध उत्पादों की प्रोसेसिंग की जा सकेगी. वर्तमान में दूध के विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रोसेसिंग की जाती है. अभी एनडीडीबी के अधिकारी सांची संघ की आय-व्यय और व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं. यहां के कर्मचारियों की जानकारी भी जुटा रहे हैं."