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मध्यप्रदेश में आज हलचल: युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, विधानसभा सत्र की तारीखें तय, CM का व्यस्त दौरा कार्यक्रम
Bhopal, MP
युवा कांग्रेस आज करेगी चुनाव आयोग का घेराव
राज्य में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सियासत तेज हो गई है।
युवा कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा शासित क्षेत्रों में नाम जोड़े जा रहे हैं, जबकि विपक्षी वोट बैंक वाले इलाकों में मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।
इसी के विरोध में युवा कांग्रेस आज भोपाल स्थित मुख्यालय पर प्रदर्शन और घेराव करेगी। संगठन ने दावा किया है कि प्रदेशभर से कार्यकर्ता राजधानी पहुंचेंगे और आयोग को ज्ञापन सौंपकर एसआईआर प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण बताते हुए तत्काल रोक की मांग करेंगे।
1 से 5 दिसंबर तक चलेगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र
विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। पाँच दिवसीय सत्र में कुल चार बैठकें होंगी।
सत्र में निम्न प्रमुख कार्य होने की संभावना—
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अनुपूरक बजट प्रस्तुत
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चार विधेयक पेश
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शीतकालीन एजेंडे पर सरकार–विपक्ष की रणनीति
सुरक्षा सख्त:
राजधानी में विधानसभा से पाँच किलोमीटर की परिधि तक धारा 163 लागू कर दी गई है।
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जुलूस, धरना और प्रदर्शन पर रोक
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भारी वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित
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पाँच से अधिक लोगों का समूह निषिद्ध
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर ने अलग से आदेश जारी किए हैं।
CM डॉ. मोहन यादव का आज का दौरा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री आज तीन जिलों के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पूरा शेड्यूल—
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11:00 बजे – भोपाल से श्योपुर जिले के बड़ौदा के लिए प्रस्थान
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12:40 बजे – बड़ौदा: राहत वितरण एवं किसान संवाद
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2:40 बजे – मुरैना: आयुर्वेदिक कॉलेज का भूमिपूजन व अन्य लोकार्पण
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4:25 बजे – मुरैना से खजुराहो, छतरपुर के लिए प्रस्थान
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5:25 बजे – खजुराहो में स्थानीय कार्यक्रम
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7:00 बजे – भोपाल वापसी
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8:00 बजे – राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात
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8:30 बजे – सीएम हाउस: महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंस
शहीद इलापसिंह उद्वहन सिंचाई परियोजना का काम शुरू
हरदा जिले की बहुप्रतीक्षित शहीद इलापसिंह उद्वहन परियोजना का निर्माण कार्य आज से शुरू हो गया। मंजूरी मिलने के बाद क्षेत्र में उत्साह का माहौल है।
परियोजना से मिलने वाले प्रमुख लाभ—
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118 गाँवों तक पहुँचेगी सिंचाई सुविधा
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करीब 40,000 हेक्टेयर (लगभग एक लाख एकड़) भूमि सिंचित
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आउट-कमान क्षेत्र के 26,890 हेक्टेयर क्षेत्र में भी जल उपलब्धता बढ़ेगी
किसानों और जनप्रतिनिधियों का मानना है कि परियोजना पूरी होने पर हरदा मध्यप्रदेश का पहला पूर्णतः सिंचित जिला बन सकता है।
यह परियोजना क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था को बदलने वाली साबित होगी—
बारिश पर निर्भरता कम होगी, जोखिम घटेगा और उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
