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‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ कोई योजना नहीं, यह एक जन आंदोलन है: शिवराज सिंह चौहान
Jagran Desk
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देशभर में किसानों के बीच जागरूकता और कृषि सुधारों को जन स्तर तक पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए 2025)’ की शुरुआत की है। उन्होंने इस अभियान को मात्र सरकारी योजना न बताते हुए ‘एक जन आंदोलन’ करार दिया।
रविवार को आयोजित वर्चुअल संवाद में मंत्री चौहान ने विभिन्न राज्यों के विधायकों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि यह अभियान भारत के कृषि क्षेत्र को जलवायु के अनुकूल, आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम का संकल्प
इस अभियान का मूलमंत्र है — “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम”। इसके तहत देश के विभिन्न राज्यों में गठित टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जलवायु अनुकूल फसलें, जैविक खेती, और आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी देंगी। इन विशेषज्ञों की टीम किसानों की समस्याएं सुनकर मौके पर समाधान भी सुझाएगी, जिससे आगामी खरीफ सीजन में प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
पुरी से शुरू, देशभर में फैल रही है कृषि चेतना की लहर
29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले इस अभियान का शुभारंभ ओडिशा के पुरी से हुआ था। अब यह मिशन देशव्यापी आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 1 करोड़ (10 मिलियन) किसानों से सीधा संपर्क स्थापित किया जाए।
मंत्री ने क्यों कहा इसे ‘जन आंदोलन’?
शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
“यह कोई योजना नहीं है, यह एक संकल्प है। यह किसानों के बीच जाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने, तकनीक से जोड़ने और जैविक कृषि के प्रति जागरूक करने का आंदोलन है। देश तभी विकसित होगा, जब किसान विकसित होगा।”
किसानों के लिए बड़ा संदेश
यह अभियान कृषि के क्षेत्र में सरकार की नीति-निर्माण को स्थानीय स्तर पर लागू करने की एक ठोस कोशिश है। इससे किसानों को सिर्फ नई जानकारी नहीं मिलेगी, बल्कि उन्हें सशक्त और प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने संसाधनों और मेहनत से खेती को एक लाभकारी व्यवसाय में बदल सकें।