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विदेशी संपत्ति का खुलासा हुआ आसान: इनकम टैक्स विभाग की सख्ती का असर, 45% बढ़ीं डिक्लेरेशन
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सख्त नीति और एडवांस डेटा एनालिटिक्स का असर अब ज़मीन पर दिखाई दे रहा है।
असेसमेंट ईयर 2024-25 में 2.31 लाख करदाताओं ने अपनी विदेशी संपत्तियों और आय का खुलासा किया है — जो पिछले साल के 1.59 लाख के आंकड़े से 45.17% ज़्यादा है।
स्वेच्छा से आगे आए करदाता
24,678 करदाताओं ने रिटर्न रिव्यू किया और 5,483 लोगों ने लेट रिटर्न दाखिल किया। इसके साथ ही, 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की विदेशी आय डिक्लेयर की गई है।
क्या रहा सख्ती का तरीका?
इनकम टैक्स विभाग ने FATCA और CRS जैसे इंटरनेशनल कॉरपोरेशन फ्रेमवर्क से 108 देशों से फाइनेंशियल डेटा जुटाया। 19,501 करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के ज़रिए डिटेल अपडेट करने की सलाह दी, साथ ही 2024 में 30 अवेयरनेस सेशन के जरिए 8,500 से अधिक लोगों को विदेशी संपत्तियों और आय डिक्लेयर करने का तरीका समझाया गया।
चूकने वालों के लिए कड़े नियम
जो करदाता विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा नहीं करेंगे, उनपर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या जेल का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, ब्लैक मनी एक्ट के तहत वॉलंटरी डिक्लोजर का विकल्प भी दिया गया है ताकि जांच से पहले वे अपनी डिटेल साझा कर सके।
आने वाला कदम: इनकम टैक्स बिल 2025
सरकार अब सोशल मीडिया, ईमेल और बैंक अकाउंट जैसे साधनों की निगरानी को सख्त कर रही है। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया गोपनीयता और कानून के दायरे में रहेगी। जानकारों का कहना है कि यह कदम टैक्स चोरी रोकने और वैश्विक लेवल पर फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने में बेहद असरदार होगा।