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जल संचयन में टॉपर जिलों का होगा सम्मान, सीएम करेंगे घोषणा
मध्यप्रदेश में जल संचयन और संवर्धन के बेहतर कामों का फल अब जिलों को मिलेगा। 30 जून को खंडवा में आयोजित होने वाले ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ समापन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उन तीन जिलों के नामों की घोषणा करेंगे जो जल संरक्षण में सबसे आगे रहे हैं।
समारोह में सीएम के साथ केंद्रीय मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, राज्य मंत्री राधा सिंह समेत सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
सीएम बोले- जल ही समृद्ध भविष्य का मूल आधार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम निवास में अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि “जल सहेजना सिर्फ वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने का माध्यम है। यह समृद्ध और टिकाऊ विकास का मूल आधार है।”
सीएम ने पुरानी जल संरचनाओं और ऐतिहासिक जल स्रोतों को सहेजने, पुनर्जीवित करने और वर्तमान आवश्यकताओं से जोड़ने की आवश्यकता बताई। उन्होंने उज्जैन में बावनकुंड और बुरहानपुर के कुंडी भंडारा जैसे पुराने जल स्रोतों को विकसित करने और संरक्षित करने के निर्देश दिए।
नर्मदा परिक्रमा पथ होगा हरा-भरा
सीएम डॉ. यादव ने यह भी कहा कि राज्य सरकार करीब 224 आश्रय स्थलों में पौधारोपण कराएगी, ताकि नर्मदा परिक्रमा पथ श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए और अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बने।
जन अभियान परिषद ने जोड़े 40 लाख लोग
ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने जानकारी दी कि जन अभियान परिषद ने इस अभियान में 40 लाख लोगों को जोड़ा है। इसके तहत ग्रामीण जल स्रोतों की सफाई, संरक्षण और पुराने स्रोतों का पुनरुद्धार किया गया है। परिषद ने रचनात्मक तरीकों से जन-जन तक जल संरक्षण का संदेश पहुँचाया और गांव-गांव में जनभागीदारी सुनिश्चित की है।
सीएम डॉ. यादव ने जोर देते हुए कहा कि सभी जिलों में जल संरक्षण और संवर्धन अभियान एक जन आंदोलन बने, जो आने वाले दशकों तक टिकाऊ विकास और समृद्धि का आधार स्थापित करेगा।
