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बिना चीनी के आंवला का मुरब्बा: दादी-नानी की ट्रेडिशनल रेसिपी
HEALTH
सर्दियों में आंवला का मुरब्बा बनाना एक पुराना परंपरागत तरीका है, जो सेहत और स्वाद दोनों में फायदेमंद है। इसे एक बार तैयार करने के बाद आप कई महीनों तक सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप चीनी का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो मिश्री या गुड़ के साथ भी यह मुरब्बा तैयार किया जा सकता है।
आंवला के फायदे
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विटामिन सी से भरपूर, इम्यूनिटी बढ़ाता है
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बाल और त्वचा के लिए लाभकारी
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हृदय स्वास्थ्य में सहायक
सामग्री
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1 किलो आंवला (बड़े और हल्के पके हुए)
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8–10 हरी इलायची
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आधा छोटा चम्मच केसर
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1 छोटा चम्मच काली मिर्च
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1 छोटा चम्मच काला नमक
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आधा चम्मच फिटकरी या बुझे हुए चूने का पानी
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चीनी की जगह धागे वाली मिश्री या गुड़ (1.5 किलो मिश्री प्रति 1 किलो आंवला)
आंवला की तैयारी
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आंवला धोकर साफ करें, खराब फल अलग कर दें।
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कांटे या सुई से हल्के-हल्के छेद कर लें।
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बर्तन में चूने का पानी लें और आंवला डुबोकर 2–3 दिन ढककर रखें। फिटकरी पानी के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
मुरब्बा बनाने की विधि
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आंवला को पानी से निकालकर छलनी में रखें ताकि पानी पूरी तरह निकल जाए।
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एक पैन में 1 लीटर पानी गर्म करें, जब उबाल आए तो आंवला डालें। 1 मिनट बाद गैस बंद कर ढककर 10 मिनट रखें।
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आंवला को फिर से छलनी में निकालें।
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आधा लीटर पानी में मिश्री डालकर गाढ़ी चाशनी बनाएं।
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चाशनी में आंवला डालकर नरम होने तक पकाएं।
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जब चाशनी में तार बनने लगे, तब हरी इलायची पाउडर, काली मिर्च, काला नमक और केसर डालें।
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गैस बंद करके मुरब्बा पूरी तरह ठंडा होने दें।
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ठंडा मुरब्बा एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
टिप: कंटेनर में नमी न लगने दें, ताकि मुरब्बा लंबे समय तक सुरक्षित रहे।
