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प्रगति और संरक्षण की मिसाल: मोहित कंबोज ने समृद्धि महामार्ग को स्थायी विकास की दिशा में बड़ा कदम बताया
Opinion By Mohit Kamboj
देशभर में जब 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा था, उसी दिन महाराष्ट्र सरकार ने हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग (HBTMSM) के अंतिम 76 किमी खंड को इगतपुरी से अमाणे (भिवंडी) तक आम जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया। इस ऐतिहासिक कदम को उद्यमी, समाजसेवी और दूरदर्शी नेता मोहित कंबोज ने स्थायी और टिकाऊ विकास के रास्ते पर एक बड़ा फैसला बताया।
1,182 करोड़ रुपये की लागत से बने इस गति-पथ का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के सहयोग से हुआ है। यह मार्ग कसारा घाट जैसे पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र से होकर गुजरता है, जहां से अब 90 मिनट का सफर मात्र 30-40 मिनट में तय किया जा सकेगा।
समृद्धि महामार्ग: समय की बचत नहीं, स्थायी भविष्य की नींव
मोहित कंबोज ने कहा कि यह परियोजना केवल दूरी और समय कम करने तक सीमित नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और प्रगतिशील ढांचागत विकास का आदर्श उदाहरण है। यह महाराष्ट्र का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसकी शुरुआत 2017 में सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुई थी।
सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर का मकसद है - ऐसे निर्माण जो पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था तीनों के हित में हों। समृद्धि महामार्ग जैसे आधुनिक रास्ते न केवल ईंधन की खपत घटाते हैं, बल्कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को भी कम करते हैं।
हर सफर, एक हरित योगदान: ग्रीन हाइवे का सकारात्मक प्रभाव
समृद्धि महामार्ग से हर यात्रा पर्यावरण की दिशा में योगदान देती है। इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटता है, जाम की समस्या कम होती है और वन क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता बेहतर होती है।
यह मार्ग सौर ऊर्जा से संचालित सुविधाएं, हरित पट्टियाँ, वर्षा जल संचयन, और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण उपायों से सुसज्जित है — जो इसे हरित विकास के प्रतीक के रूप में स्थापित करता है।
प्राकृतिक और सामाजिक संतुलन की दिशा में कदम
ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा बने समृद्धि महामार्ग में वर्षा जल अवशोषण, प्राकृतिक आवासों का पुनरुद्धार, और हरित क्षेत्रों तक पहुंच जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
यह भारी यातायात को पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से दूर रखता है और स्थानीय जैव विविधता के संरक्षण में मदद करता है। लॉजिस्टिक्स में कुशलता से क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा भी मिलता है।
हर नागरिक की सहभागिता से बनेगा स्वच्छ भारत
मोहित कंबोज ने यह भी कहा कि हर नागरिक जब इस महामार्ग को चुनता है, वह स्वच्छ, सुरक्षित और सतत राष्ट्र निर्माण की दिशा में महाराष्ट्र की पहल का भागीदार बनता है। यह संदेश है कि जलवायु परिवर्तन से लड़ाई केवल सरकार या उद्योगों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की भी है।
