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5 मई 2025 का पंचांग: आज है सीता नवमी और मासिक दुर्गाष्टमी, माता दुर्गा की कृपा पाने का शुभ अवसर
Dharm Desk

आज का दिन देवी उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
5 मई 2025, सोमवार को वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाई जाती है। साथ ही आज सीता नवमी भी है, जिसे माता सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में श्रद्धा से मनाया जाता है। हालांकि, पंचांग के अनुसार यह तिथि अधिकांश शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती।
पंचांग विवरण - 5 मई 2025, सोमवार
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विक्रम संवत: 2081
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माह: वैशाख
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पक्ष: शुक्ल
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तिथि: अष्टमी
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वार: सोमवार
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योग: वृद्धि
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नक्षत्र: अश्लेषा
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करण: बव
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चंद्र राशि: कर्क
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सूर्य राशि: मेष
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सूर्योदय: प्रातः 06:04 बजे
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सूर्यास्त: सायं 07:08 बजे
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चंद्रोदय: दोपहर 12:38 बजे
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चंद्रास्त: रात 2:09 बजे (6 मई)
राहुकाल और अशुभ समय
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राहुकाल: सुबह 07:42 से 09:20 तक
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यमगंड काल: 10:58 से 12:36 तक
इन समयों के दौरान शुभ कार्यों से परहेज करना चाहिए।
अश्लेषा नक्षत्र का प्रभाव
आज का दिन अश्लेषा नक्षत्र के प्रभाव में रहेगा, जिसका स्वामी बुध और अधिष्ठाता देवता सर्प हैं। यह नक्षत्र सामान्यतः शुभ कार्यों के लिए अनुपयुक्त माना गया है। विवाह, गृह प्रवेश या नए कार्यारंभ जैसे शुभ कार्यों से आज बचना चाहिए। हालांकि, तांत्रिक प्रयोग, युद्ध से संबंधित निर्णय, शत्रु नाशक प्रयास और अनुबंध विच्छेद जैसे कार्य आज सिद्ध हो सकते हैं।
धार्मिक महत्व: दुर्गाष्टमी और सीता नवमी
आज मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की विशेष आराधना से संकटों का नाश होता है। व्रत, पूजा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, आज सीता नवमी भी है — इस दिन माता सीता के जन्म की स्मृति में पूजा-अर्चना की जाती है। स्त्रियाँ विशेष रूप से इस दिन सुहाग और संतान की मंगलकामना करती हैं।