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अपरा एकादशी 2025: जानिए व्रत की पौराणिक कथा, तिथि और धार्मिक महत्व
Dharm desk

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। वर्ष भर में कुल 24 एकादशी तिथियाँ आती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व होता है।
इन्हीं में से एक है अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है। यह व्रत जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है और यह विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
कब है अपरा एकादशी 2025 में?
पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में अपरा एकादशी का व्रत 23 मई, शुक्रवार को रखा जाएगा।
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एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 मई को रात 1:12 बजे
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एकादशी तिथि समाप्त: 23 मई को रात 10:29 बजे
उदय तिथि के अनुसार व्रत 23 मई को रखा जाएगा, क्योंकि व्रत हमेशा उदय काल की तिथि के अनुसार रखा जाता है।
व्रत का महत्व
अपरा एकादशी का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायक माना जाता है जो जीवन में पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं या पूर्व जन्मों के दोषों को दूर करना चाहते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत रखने से व्यक्ति को ब्रह्महत्या, झूठ, चोरी, व्यभिचार आदि महापापों से भी मुक्ति मिलती है। इस व्रत को करने से पुण्य प्राप्ति होती है और मृत आत्माओं को भी शांति मिलती है।
पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में महीध्वज नामक एक धर्मपरायण राजा था। उसका छोटा भाई वज्रध्वज बहुत क्रूर और ईर्ष्यालु था। उसने अपने बड़े भाई की हत्या कर उसकी लाश को जंगल में पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ दिया। राजा की अकाल मृत्यु के कारण उसकी आत्मा प्रेत योनि में चली गई और वह पीपल के पेड़ पर वास करने लगी।
एक दिन धौम्य ऋषि उस मार्ग से गुजरे और उन्होंने तपस्या बल से प्रेत आत्मा की पीड़ा को समझा। उन्होंने महीध्वज की मुक्ति के लिए अपरा एकादशी का व्रत रखा और भगवान विष्णु से प्रार्थना की। व्रत के प्रभाव से राजा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल गई और वह स्वर्ग लोक को प्राप्त हुआ।
कैसे करें व्रत?
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व्रतधारी को दशमी तिथि की रात्रि से ही सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
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एकादशी के दिन व्रती को ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके संकल्प लेना चाहिए।
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दिनभर उपवास कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करनी चाहिए।
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तुलसी पत्र, पीले फूल और पंचामृत से श्रीहरि की पूजा करें।
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रात्रि को जागरण और भजन-कीर्तन करें तथा द्वादशी को जरूरतमंदों को दान देने के बाद व्रत का पारण करें।