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पंचांग: दुर्गाष्टमी और रवि योग का संयोग, सावधानी के साथ करें पितृ पूजा
Dharm, Desk
आज शुक्रवार, 28 नवंबर 2025 को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। यह तिथि माता दुर्गा को समर्पित मानी जाती है और आज मासिक दुर्गाष्टमी का भी शुभ अवसर है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार आज का दिन आध्यात्मिक साधना और पितृ पूजा के लिए अनुकूल है, जबकि अधिकांश सामान्य कार्यों में सावधानी बरतने की जरूरत है। दिन में विशेष रूप से रवि योग का निर्माण हो रहा है, जिसे कुछ विशेष कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
आज का विस्तृत पंचांग
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विक्रम संवत: 2081
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मास: मार्गशीर्ष
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पक्ष: शुक्ल पक्ष
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तिथि: अष्टमी
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दिन: शुक्रवार
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योग: व्याघात
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नक्षत्र: शतभिषा
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करण: विष्टि
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चंद्र राशि: कुंभ
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सूर्य राशि: वृश्चिक
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सूर्योदय: सुबह 07:01 बजे
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सूर्यास्त: शाम 05:53 बजे
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चंद्रोदय: दोपहर 12:47 बजे
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चंद्रास्त: रात 12:32 बजे (29 नवंबर)
शुभ योग और पूजा के संयोग
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर माता दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
आज रवि योग का भी संयोग बन रहा है, जो धार्मिक अनुष्ठान, पितृ कार्य और आध्यात्मिक साधना के लिए शुभ माना जाता है।
आज पितृ पूजा और तर्पण करने का भी शुभ समय है, जबकि मांगलिक कार्यों से परहेज की सलाह दी गई है।
चंद्रमा और नक्षत्र का प्रभाव
आज चंद्रमा कुंभ राशि में और शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। शतभिषा नक्षत्र को बहुत शुभ नहीं माना जाता, लेकिन—
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आध्यात्मिक उन्नति
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यात्रा
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मित्रों से मुलाकात
जैसे कार्यों के लिए यह नक्षत्र अनुकूल फल देता है।
आज के वर्जित समय
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राहुकाल: सुबह 11:05 बजे से 12:27 बजे तक
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यमगंड: दोपहर 15:10 से 16:31 बजे तक
इन समयों में कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू करने से बचने की सलाह दी जाती है।
