2025 का अंत: धर्म जगत की वे घटनाएं और स्मृतियां, जिन्होंने साल भर देश-दुनिया का ध्यान खींचा

धर्म डेस्क

On

साल 2025 के समापन पर धार्मिक आयोजनों, आस्था से जुड़े विमर्श और सामाजिक बदलावों ने न केवल करोड़ों लोगों को जोड़ा, बल्कि धर्म की भूमिका को नए संदर्भों में भी सामने रखा।

साल 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। यह वर्ष धर्म जगत के लिए कई मायनों में खास रहा। भारत से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक धार्मिक आयोजन, आध्यात्मिक विमर्श और आस्था से जुड़ी घटनाएं लगातार चर्चा में रहीं। इन घटनाओं ने न केवल श्रद्धालुओं को प्रभावित किया, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और डिजिटल स्तर पर भी गहरी छाप छोड़ी।

इस साल का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन प्रयागराज में संपन्न हुआ महाकुंभ 2025 रहा। जनवरी से फरवरी के बीच चले इस महापर्व में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सामाजिक और डिजिटल संवाद का भी केंद्र बना। साधु-संतों के साथ आम लोगों की कहानियां सोशल मीडिया के जरिए देश-दुनिया तक पहुंचीं।

महाकुंभ के दौरान कुछ चेहरे और घटनाएं विशेष रूप से चर्चा में रहीं। ‘IIT बाबा’ जैसे साधु, जिनकी आधुनिक शिक्षा और सन्यास की कहानी ने लोगों को आकर्षित किया, वहीं मोनालिसा जैसी किशोरी सोशल मीडिया पर पहचान बनाकर सामने आई। इन उदाहरणों ने दिखाया कि आस्था के मंच पर अब पहचान और संवाद के नए रास्ते खुल रहे हैं।

2025 में धार्मिक विमर्श केवल आयोजनों तक सीमित नहीं रहा। विश्व आर्थिक मंच (WEF) की बैठक में भी धर्म और आध्यात्मिकता की भूमिका पर खुलकर चर्चा हुई। दावोस में हुए सत्रों में यह सवाल उठा कि वैश्विक चुनौतियों—जैसे जलवायु परिवर्तन, सामाजिक असमानता और संघर्ष—के समाधान में धार्मिक और नैतिक मूल्यों की क्या भूमिका हो सकती है। विशेषज्ञों ने धर्म को केवल निजी आस्था नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में देखने की जरूरत पर जोर दिया।

भारत के भीतर भी धार्मिक पहचान और परंपराओं को लेकर संवाद तेज रहा। सनातन धर्म, हिंदू परंपराओं और आधुनिक सोच के बीच संतुलन को लेकर कई मंचों पर चर्चा हुई। कुछ नए आध्यात्मिक विचारकों और लेखकों ने धर्म को कर्म, मानवता और सकारात्मक सोच से जोड़ने का प्रयास किया। इन प्रयासों ने युवाओं के बीच भी धर्म को नए दृष्टिकोण से देखने की जमीन तैयार की।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता और समुदायों के बीच संबंध भी चर्चा में रहे। विभिन्न रिपोर्टों और वैश्विक मंचों पर धार्मिक सहिष्णुता, अल्पसंख्यकों के अधिकार और सांप्रदायिक सौहार्द जैसे मुद्दों पर बहस हुई। भारत सहित कई देशों में धर्म और समाज के रिश्ते को लेकर नीतिगत और सामाजिक स्तर पर संवाद देखने को मिला।

साल 2025 के अंत में यह स्पष्ट है कि धर्म जगत केवल परंपरा का वाहक नहीं रहा। यह सामाजिक बदलाव, संवाद और पहचान का भी माध्यम बनता जा रहा है। आने वाले समय में धार्मिक आयोजनों और विमर्श का यह बदलता स्वरूप और अधिक व्यापक प्रभाव डाल सकता है।

----------------

हमारे आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें –
🔴 व्हाट्सएप चैनलhttps://whatsapp.com/channel/0029VbATlF0KQuJB6tvUrN3V
🔴 फेसबुकDainik Jagran MP/CG Official
🟣 इंस्टाग्राम@dainikjagranmp.cg
🔴 यूट्यूबDainik Jagran MPCG Digital

📲 सोशल मीडिया पर जुड़ें और बने जागरूक पाठक।
👉 आज ही जुड़िए!

Edited By: ANKITA

खबरें और भी हैं

सरकारी विमान से रायपुर पहुंचे कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री, TI के पैर छूने का वीडियो वायरल; सियासत गरमाई

टाप न्यूज

सरकारी विमान से रायपुर पहुंचे कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री, TI के पैर छूने का वीडियो वायरल; सियासत गरमाई

रायपुर एयरपोर्ट पर पुलिस अधिकारी के व्यवहार और सरकारी विमान के इस्तेमाल पर उठे सवाल, कांग्रेस ने बताया सरकारी संसाधनों...
छत्तीसगढ़  रायपुर 
सरकारी विमान से रायपुर पहुंचे कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री, TI के पैर छूने का वीडियो वायरल; सियासत गरमाई

टी-20 वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया को चिंता: BBL मैच में चोटिल हुए टिम डेविड, हैमस्ट्रिंग में खिंचाव

चोट के बावजूद 28 गेंदों में 42 रन बनाकर दिलाई जीत, चयन से पहले फिटनेस पर नजर
स्पोर्ट्स 
टी-20 वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया को चिंता: BBL मैच में चोटिल हुए टिम डेविड, हैमस्ट्रिंग में खिंचाव

जानें, वास्तु दोष और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का गहरा संबंध

वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशा दोष और ऊर्जा असंतुलन का सीधा असर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पड़ता है, जानें वजह और...
राशिफल  धर्म 
जानें, वास्तु दोष और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का गहरा संबंध

सुख-शांति और आनंद अगर जीवन में स्थायी चाहिए, तो आज ही यह दृष्टि बदलनी होगी

बाहरी परिस्थितियाँ नहीं, मन की पकड़ और अपेक्षाएँ तय करती हैं अशांति; स्थायी शांति के लिए जरूरी है भीतर का...
राशिफल  धर्म 
सुख-शांति और आनंद अगर जीवन में स्थायी चाहिए, तो आज ही यह दृष्टि बदलनी होगी

बिजनेस

Copyright (c) Dainik Jagran All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software