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दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर इंदौर-भोपाल में लागू होगा डिजिटल टिकट सिस्टम, QR कोड और स्मार्ट कार्ड से मिलेगा प्रवेश
इंदौर (म.प्र.)
डीएमआरसी और एमपीएमआरसी के बीच एमओयू साइन, मैन्युअल टिकटिंग से मिलेगी राहत, पुराने विवाद के बाद बदली गई व्यवस्था
इंदौर और भोपाल मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को जल्द ही दिल्ली मेट्रो जैसी डिजिटल टिकटिंग सुविधा मिलने जा रही है। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMRC) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के बीच ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (AFC) सिस्टम को लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) साइन किया गया है। इसके तहत यात्री अब क्यूआर कोड आधारित टिकट और स्मार्ट कार्ड के जरिए मेट्रो में प्रवेश कर सकेंगे।
यह एमओयू 25 दिसंबर को दिल्ली में साइन किया गया। इसका उद्देश्य इंदौर और भोपाल मेट्रो में मौजूदा मैन्युअल टिकट व्यवस्था को खत्म कर एक आधुनिक, संपर्क रहित और तेज टिकटिंग सिस्टम लागू करना है। अभी दोनों शहरों में मेट्रो स्टेशनों पर काउंटर से हाथों-हाथ टिकट दिए जा रहे हैं, जिससे पीक आवर्स में यात्रियों को लंबी कतारों और देरी का सामना करना पड़ता है।
अधिकारियों के अनुसार, डीएमआरसी इंदौर और भोपाल मेट्रो के लिए एडवांस एएफसी सिस्टम डिजाइन और स्थापित करेगा। इसमें ऑटोमेटिक फेयर गेट, क्यूआर कोड स्कैनिंग, स्मार्ट कार्ड और भविष्य में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इस सिस्टम के लागू होने के बाद यात्रियों को टिकट काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं होगी और वे सीधे गेट से प्रवेश कर सकेंगे।
दरअसल, इससे पहले मेट्रो के इस टिकटिंग सिस्टम के लिए तुर्किये की कंपनी असिस इलेक्ट्रॉनिक को 186 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था। लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कंपनी से जुड़ी इकाई द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई किए जाने के आरोप सामने आए। इसके बाद राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए यह करार रद्द कर दिया था। इस पूरे मामले को लेकर काफी विवाद हुआ और यात्रियों को टिकटिंग व्यवस्था की अव्यवस्था का सामना करना पड़ा।
एमओयू साइन होने के साथ ही अब यह स्पष्ट हो गया है कि मध्यप्रदेश सरकार और मेट्रो प्रशासन टिकटिंग सिस्टम को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते। डीएमआरसी का अनुभव देश के कई शहरों में सफलतापूर्वक लागू हो चुके सिस्टम का है, जिससे यात्रियों को भरोसेमंद सुविधा मिलने की उम्मीद है।
इसी बीच, इंदौर में रीगल तिराहा स्थित रानी सराय क्षेत्र में अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन के निर्माण की तैयारी भी शुरू हो गई है। मेट्रो प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि निर्माण कार्य के दौरान ऐतिहासिक इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
भोपाल में हाल ही में टिकट न मिलने की शिकायतों के बाद मेट्रो प्रशासन ने ‘मिसलेनियस टिकट’ की व्यवस्था भी शुरू की है, ताकि समूह में यात्रा करने वालों को परेशानी न हो।
कुल मिलाकर, डिजिटल टिकटिंग की दिशा में यह कदम न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि इंदौर और भोपाल मेट्रो को आधुनिक शहरी परिवहन प्रणाली के रूप में मजबूत करेगा, मेट्रो यात्रियों से जुड़ी एक अहम सार्वजनिक हित की खबर मानी जा रही है।
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