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EPFO के दफ्तर अब पासपोर्ट सेवा केंद्र जैसे होंगे: किसी भी शहर में सुलझेंगे PF से जुड़े मामले
बिजनेस न्यूज
सिंगल-विंडो सिस्टम, सुविधा प्रोवाइडर और मिशन मोड KYC के साथ मार्च 2026 तक 100 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा का लक्ष्य
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कामकाज में बड़े स्तर पर बदलाव होने जा रहे हैं। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को घोषणा की कि देशभर के सभी EPFO कार्यालयों को पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर ‘सिंगल-विंडो सर्विस सेंटर’ में बदला जाएगा। इसके बाद पीएफ खाताधारकों को अपनी शिकायतों, दावों या सुधार के लिए उस शहर के कार्यालय तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा, जहां उनका खाता पंजीकृत है।
मंत्री के अनुसार, नई व्यवस्था लागू होने के बाद कोई भी कर्मचारी देश के किसी भी EPFO क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर अपने पीएफ से जुड़े मामलों का समाधान करा सकेगा। अभी तक खाताधारकों को अपने “होम ऑफिस” के चक्कर काटने पड़ते थे, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ते थे।
इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली में शुरू हो चुका है। गुजरात के वटवा में नए ‘भविष्य निधि भवन’ के उद्घाटन के दौरान मांडविया ने कहा कि आधुनिक तकनीक के जरिए EPFO के सभी कार्यालयों को डिजिटल रूप से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य सेवाओं को तेज, पारदर्शी और कर्मचारी-केंद्रित बनाना है।
सरकार ‘ईपीएफ सुविधा प्रोवाइडर’ नाम से एक नया मैकेनिज्म भी शुरू करने जा रही है। ये अधिकृत सुविधा प्रदाता उन कर्मचारियों की मदद करेंगे, जिन्हें ऑनलाइन सिस्टम समझने में परेशानी होती है या जो पहली बार पीएफ के दायरे में आ रहे हैं। ये प्रोवाइडर क्लेम फाइलिंग, केवाईसी और अन्य प्रक्रियाओं में मार्गदर्शन देंगे, जिससे दलालों पर निर्भरता कम होगी।
एक अन्य अहम कदम के तहत, इनऑपरेटिव या लंबे समय से निष्क्रिय पड़े ईपीएफ खातों के लिए मिशन मोड में केवाईसी अभियान चलाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इसके लिए एक अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, ताकि खाताधारकों या उनके कानूनी वारिसों की पहचान कर फंसा हुआ पैसा सुरक्षित तरीके से लौटाया जा सके। देश में ऐसे लाखों खाते हैं, जिनमें वर्षों से राशि पड़ी है लेकिन केवाईसी या जानकारी के अभाव में निकासी नहीं हो पा रही।
विदेश में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों के लिए भी राहत की खबर है। सरकार अब अपने मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) में सोशल सिक्योरिटी क्लॉज को शामिल कर रही है। इससे विदेश में काम कर लौटने वाले कर्मचारियों का वहां जमा पीएफ योगदान बेकार नहीं जाएगा और वे भारत लौटने पर इसका लाभ ले सकेंगे।
मांडविया ने EPFO की वित्तीय स्थिति पर भरोसा जताते हुए बताया कि संगठन के पास फिलहाल करीब 28 लाख करोड़ रुपये का फंड कॉर्पस है और यह 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है। उन्होंने कहा कि EPFO में जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित है और इसके पीछे भारत सरकार की गारंटी है।
सोशल सिक्योरिटी कवरेज को लेकर मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश की केवल 19 प्रतिशत आबादी इसके दायरे में थी, जो अब बढ़कर 64 प्रतिशत हो चुकी है। वर्तमान में करीब 94 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हैं। सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक इस संख्या को 100 करोड़ तक पहुंचाने का है।
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