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साल का आखिरी मंगलवार: सिद्धि योग में विशेष उपायों से सफलता की उम्मीद, 30 दिसंबर को बन रहा दुर्लभ संयोग
धर्म डेस्क
मंगलवार और सिद्धि योग के मेल को लेकर ज्योतिषाचार्यों की सलाह, आस्था और परंपरा से जुड़ा पब्लिक इंटरेस्ट विषय
साल 2025 का अंतिम मंगलवार 30 दिसंबर को पड़ रहा है और इस दिन सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार यह योग देर रात लगभग 1 बजे तक प्रभावी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं में सिद्धि योग को किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत, मंत्र जाप और साधना के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। इसी कारण मंगलवार और सिद्धि योग के मेल को लेकर श्रद्धालुओं और ज्योतिष से जुड़े लोगों में खास चर्चा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से माना जाता है, जो साहस, ऊर्जा और कर्म का प्रतीक है। जब इसी दिन सिद्धि योग बनता है, तो इसे प्रयासों को सफल बनाने वाला संयोग कहा जाता है। यही वजह है कि इस दिन किए गए उपायों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों—जैसे संतान सुख, करियर, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक संतुलन—से जोड़कर देखा जाता है।
धार्मिक परंपराओं में मंगलवार को भगवान विष्णु और हनुमान की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। कई ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि इस दिन विष्णु मंत्रों का जप, पूजा और दान करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता मिलती है। विशेष रूप से संतान से जुड़े विषयों को लेकर किए जाने वाले उपायों की चर्चा अधिक होती है, जिनमें पूजा-पाठ, दान और प्रतीकात्मक वस्तुओं का उपयोग शामिल है।
आस्था रखने वाले लोग यह भी मानते हैं कि साल के अंतिम मंगलवार को किए गए उपायों का प्रभाव आने वाले वर्ष तक बना रह सकता है। इसी कारण 2026 को बेहतर बनाने की उम्मीद के साथ लोग इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। कुछ परिवारों में यह परंपरा है कि मंगलवार को जरूरतमंदों को वस्त्र या भोजन दान किया जाए, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
हालांकि विशेषज्ञ यह भी स्पष्ट करते हैं कि ऐसे उपाय आस्था और परंपरा से जुड़े होते हैं। इन्हें किसी वैज्ञानिक या चिकित्सकीय समाधान का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। समाज के एक वर्ग का मानना है कि पूजा और उपाय व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं, जिससे वह अपने लक्ष्य के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता है।
धार्मिक स्थलों और मंदिरों में मंगलवार को विशेष भीड़ देखने को मिल सकती है। कई जगहों पर सुंदरकांड पाठ, विष्णु सहस्रनाम और सामूहिक प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाता है। प्रशासन की ओर से भीड़ प्रबंधन को लेकर सामान्य इंतजाम किए जाते हैं।
कुल मिलाकर, साल के अंतिम मंगलवार और सिद्धि योग का यह संयोग आस्था से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है। लोग इसे आत्मविश्वास बढ़ाने और नए वर्ष के लिए सकारात्मक शुरुआत के रूप में देख रहे हैं.
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