- Hindi News
- धर्म
- सोमवार के चमत्कारी उपाय: शिव कृपा पाने और जीवन की बाधाएं दूर करने के सरल उपाय
सोमवार के चमत्कारी उपाय: शिव कृपा पाने और जीवन की बाधाएं दूर करने के सरल उपाय
Dharm Desk

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से शिवजी की पूजा करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
विशेष रूप से जिन लोगों के जीवन में नौकरी, स्वास्थ्य, विवाह या मानसिक तनाव से जुड़ी बाधाएं चल रही हों, उनके लिए सोमवार के दिन किए गए कुछ सरल उपाय चमत्कारी फल देने वाले सिद्ध होते हैं।
जानिए सोमवार के प्रमुख और प्रभावशाली उपाय:
1. शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं
उपाय:
सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और सफेद वस्त्र पहनकर शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल, चावल और बेलपत्र अर्पित करें।
लाभ:
मानसिक शांति मिलती है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
2. 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें
उपाय:
सफ़ेद आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से कम से कम 108 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
लाभ:
मन की चंचलता दूर होती है, ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है।
3. दूध या दही से बनाएं शिवलिंग का अभिषेक
उपाय:
सोमवार के दिन भगवान शिव को विशेष रूप से दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत बनाकर अर्पित करें।
लाभ:
पारिवारिक जीवन में मधुरता और वैवाहिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
4. सोमवार का व्रत रखें और शिव चालीसा पढ़ें
उपाय:
दिनभर व्रत रखें (फलाहार या जलाहार), शाम को दीप जलाकर शिव चालीसा और आरती पढ़ें।
लाभ:
शिव कृपा से करियर और जीवन में स्थिरता आती है, आर्थिक रुकावटें दूर होती हैं।
5. गरीबों को सफेद चीजों का दान करें
उपाय:
सोमवार के दिन सफेद वस्त्र, चावल, दूध या मिश्री का दान किसी ज़रूरतमंद को करें।
लाभ:
चंद्र दोष या मानसिक अशांति दूर होती है, पुण्य की प्राप्ति होती है।
6. 'महामृत्युंजय मंत्र' का पाठ करें
मंत्र:
"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
उपाय:
रोज़ाना 11 बार या सोमवार को 108 बार इस मंत्र का जाप करें।
लाभ:
रोगों से रक्षा, जीवन में आयु व ऊर्जा की वृद्धि।
-
सोमवार के दिन लहसुन, प्याज और मांसाहार का सेवन न करें।
-
दिनभर शिव नाम का स्मरण करें और क्रोध व लोभ से दूर रहें।
-
चंद्रमा से संबंधित समस्याओं के लिए रात्रि में चांदी के गिलास में जल भरकर सिरहाने रखें और सुबह तुलसी में अर्पित करें।