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10 जून 2025 का पंचांग और वट पूर्णिमा व्रत विशेष
Dharm Desk
आज का दिन ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी तिथि पर आधारित है, जो भगवान शिव के रुद्र रूप की उपासना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। आज वट पूर्णिमा व्रत भी है, जिसे अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना से सुहागन स्त्रियां विशेष रूप से करती हैं।
आज का पंचांग (10 जून 2025, मंगलवार)
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| 🗓️ तिथि | चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष, ज्येष्ठ मास |
| 📅 वार | मंगलवार |
| 🔱 नक्षत्र | अनुराधा (वृश्चिक राशि में) |
| 💫 योग | सिद्धि |
| 🌓 चंद्र राशि | वृश्चिक |
| ☀️ सूर्य राशि | वृषभ |
| 🌅 सूर्योदय | सुबह 05:53 बजे |
| 🌇 सूर्यास्त | शाम 07:24 बजे |
| 🌕 चंद्रोदय | शाम 06:45 बजे |
| 🌑 चंद्रास्त | 11 जून तड़के 04:55 बजे |
| 🕛 राहुकाल | 16:01 से 17:42 (अशुभ) |
| 🕑 यमगंड | 10:57 से 12:38 (अशुभ) |
| 🌱 करण | वणिज |
वट पूर्णिमा व्रत विशेष
वट पूर्णिमा व्रत विशेष रूप से सौभाग्यवती स्त्रियों द्वारा किया जाता है। महिलाएं वटवृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करके सावित्री और सत्यवान की कथा सुनती हैं और अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं लाल साड़ी पहनकर, कुमकुम, सिंदूर, चूड़ियां, मेहंदी आदि सुहाग की वस्तुएं धारण कर वट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं।
पूजा विधि:
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प्रातः स्नान कर व्रत संकल्प लें
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बरगद के पेड़ की पूजा करें (धागा लपेटकर 7 बार परिक्रमा करें)
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सावित्री-सत्यवान की कथा सुनें
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फल, मिठाई और जल अर्पित करें
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अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें
अनुराधा नक्षत्र: क्या करें, क्या न करें
शुभ कार्य:
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यात्रा, विवाह, सृजनात्मक कार्य
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संगीत, चित्रकला, गायन
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मित्रता, सौंदर्य-संवर्धन, कृषि कार्य
वर्जित समय:
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राहुकाल (16:01 से 17:42) में कोई शुभ कार्य न करें
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यमगंड और गुलिक काल से भी बचें
10 जून 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। विशेषकर सुहागन स्त्रियों के लिए वट पूर्णिमा व्रत पूजन का विशेष महत्व है। आप भी विधिपूर्वक पूजा कर भगवान शिव और वट वृक्ष का आशीर्वाद प्राप्त करें।
