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Today Panchang 30 December 2025: पुत्रदा एकादशी व्रत, वैकुण्ठ एकादशी का क्षय, जानिए आज का पूरा पंचांग
धर्म डेस्क
30 दिसंबर 2025 को ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग, सुंदरकांड पाठ और विष्णु उपासना का महत्व
आज 30 दिसंबर 2025, मंगलवार को पौष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी तिथि में पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा और वैकुण्ठ एकादशी का क्षय भी आज ही माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार दशमी तिथि का समापन सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर होगा, जिसके बाद एकादशी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार आज राष्ट्रीय मिति पौष 09, शक संवत 1947 और विक्रम संवत 2082 चल रहा है। सूर्य इस समय उत्तरायण में स्थित हैं और शिशिर ऋतु का प्रभाव बना हुआ है। चंद्रमा पूरे दिन और रात मेष राशि में संचार करेगा, जिससे दिन में ऊर्जा और सक्रियता का प्रभाव देखने को मिल सकता है।
नक्षत्र, योग और करण
आज का दिन भरणी नक्षत्र में प्रारंभ होगा, जो देर रात 3 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इसके बाद कृतिका नक्षत्र का आरंभ होगा। योग की बात करें तो सिद्धि योग मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 52 मिनट तक प्रभावी रहेगा, फिर साध्य योग प्रारंभ होगा। करण की स्थिति में सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक गर करण रहेगा, इसके बाद बव करण का प्रभाव होगा।
व्रत और त्योहार
आज का प्रमुख व्रत पुत्रदा एकादशी है, जिसे संतान सुख और पारिवारिक कल्याण के लिए किया जाता है। साथ ही वैकुण्ठ एकादशी का क्षय भी आज माना गया है, इसलिए यह दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है।
सूर्योदय और सूर्यास्त
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सूर्योदय: सुबह 7 बजकर 13 मिनट
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सूर्यास्त: शाम 5 बजकर 34 मिनट
शुभ मुहूर्त
आज के दिन कुछ खास समय शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माने गए हैं।
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:24 से 6:19 तक
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विजय मुहूर्त: दोपहर 2:07 से 2:49 तक
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गोधूलि बेला: शाम 5:31 से 5:59 तक
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निशीथ काल: रात 11:57 से 12:51 तक
अशुभ समय
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राहुकाल: दोपहर 3:00 से 4:30 तक
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गुलिक काल: दोपहर 12:00 से 1:30 तक
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यमगंड: सुबह 9:00 से 10:30 तक
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दुर्मुहूर्त: सुबह 9:18 से 9:59 तक
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भद्रा काल: सुबह 6:28 से अगले दिन सुबह 5:00 तक
आज का विशेष उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है। इससे मानसिक शांति, नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
कुल मिलाकर, आज का दिन धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और साधना के लिए विशेष महत्व रखता है। शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए किए गए कार्य सकारात्मक फल दे सकते हैं।
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