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आज का पंचांग 3 मई 2025: गंगा सप्तमी पर करें भगवान कार्तिकेय की आराधना, संपत्ति और सौभाग्य के लिए अत्यंत शुभ दिन
Dharm Desk

शनिवार, 3 मई 2025 को वैशाख माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि है। इस खास दिन को गंगा सप्तमी के रूप में भी मनाया जा रहा है।
धार्मिक मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। वहीं, पंचांग के अनुसार यह तिथि भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) को समर्पित मानी जाती है। अतः आज के दिन उनकी पूजा करने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होने का शुभ योग बनता है।
आज का दिन खास तौर पर संपत्ति, वाहन और आभूषण आदि की खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। साथ ही त्रिपुष्कर योग का संयोग इसे और भी फलदायक बना रहा है, जिसमें किया गया कार्य तीन गुना फल देता है।
3 मई 2025 का पंचांग
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विक्रम संवत : 2081
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माह : वैशाख
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तिथि : शुक्ल पक्ष षष्ठी
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वार : शनिवार
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नक्षत्र : पुनर्वसु
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योग : शूल
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करण : तैतिल
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चंद्र राशि : मिथुन
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सूर्य राशि : मेष
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सूर्योदय : प्रातः 06:05 बजे
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सूर्यास्त : सायं 07:07 बजे
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चंद्रोदय : प्रातः 10:34 बजे
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चंद्रास्त : रात्रि 12:58 बजे (4 मई)
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राहुकाल : 09:21 से 10:58 बजे तक
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यमगंड काल : 14:14 से 15:52 बजे तक
पुनर्वसु नक्षत्र में यात्रा और पूजा के लिए उत्तम समय
आज का पुनर्वसु नक्षत्र चंद्रमा के मिथुन राशि में स्थित रहने के कारण विशेष फलदायक है। इसकी अधिष्ठात्री देवी अदिति और स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं, जो समृद्धि और शुभता के प्रतीक माने जाते हैं। इस नक्षत्र में की गई धार्मिक यात्रा, वाहन की खरीद या पूजा-पाठ अत्यंत मंगलकारी सिद्ध होते हैं। साथ ही यह समय बागवानी, मित्रों से मिलने और किसी सार्वजनिक आयोजन में भाग लेने के लिए भी उपयुक्त है।
वर्जित काल से बचाव जरूरी
आज के दिन राहुकाल प्रातः 09:21 से 10:58 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए। इसके अलावा यमगंड, गुलिक काल, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् काल भी शुभता में बाधा डाल सकते हैं, अतः इनसे भी परहेज रखना हितकारी होगा।