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सरगुजा में आकाशीय बिजली गिरने से शिक्षक की मौत, छत्तीसगढ़ में मौसम ने फिर ली करवट, आंधी-तूफान के कारण बड़े नुकसान
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छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में एक बार फिर मौसम ने अपना रुख बदला है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश के कई क्षेत्रों में तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश और ओले भी गिर रहे हैं। कुछ इलाकों में हवाओं की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई है। इस बीच सरगुजा जिले में आकाशीय बिजली गिरने से एक शिक्षक की दर्दनाक मौत हो गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिन यानी 6 मई तक प्रदेश में ऐसा ही मौसम बना रहेगा। रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर समेत अन्य कई क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। साथ ही गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में ओले भी गिरे हैं।
प्रदेश के तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट आई है। आंधी और बारिश का असर खासकर रबी की फसलों, सब्जियों और फलों पर पड़ा है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान आम की फसल को हुआ है। भिलाई में पपीते, केले और चीकू की लगभग 500 एकड़ की फसल को नुकसान हुआ है।
बिजली आपूर्ति बाधित, मरम्मत कार्य जारी
अंधड़ के कारण रायपुर, भिलाई और आसपास के क्षेत्रों में बिजली के पोल और तार टूट गए, जिससे बिजली सप्लाई प्रभावित हुई। पावर कंपनी ने मरम्मत कार्य में तेजी लाकर शुक्रवार शाम तक 80% व्यवस्था बहाल कर दी, जबकि बाकी शिकायतों का समाधान देर रात तक किया गया।
70-80 लाख का फसल नुकसान
धमधा क्षेत्र में बुधवार को आए अंधड़ ने 500 एकड़ में लगी केले, पपीता, आम और चीकू की फसल को पूरी तरह से तबाह कर दिया। किसानों का कहना है कि इस प्राकृतिक आपदा से करीब 70 से 80 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। किसान अब फसल बीमा के तहत मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं।
फसल, सब्जी और फल पर असर
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फसलों पर असर: गेहूं, धान और तिवरा जैसी रबी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
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सब्जियों पर असर: गर्मियों में उगने वाली सब्जियां जैसे टमाटर, भिंडी और आलू भी तेज हवा और ओलों के कारण पूरी तरह खराब हो गई हैं।
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फलों पर असर: ओले और आंधी ने आम की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। कई जगहों पर आम के पेड़ों से समय से पहले ही फल गिर गए हैं।
क्षतिग्रस्त पावर सप्लाई सिस्टम की मरम्मत
आंधी के बाद गरियाबंद, भाटापारा, धमतरी, महासमुंद, और बलौदाबाजार में बड़े पैमाने पर पेड़ गिर गए थे, जिनकी वजह से पावर सप्लाई सिस्टम में गंभीर नुकसान हुआ। गुरुवार शाम से पावर सप्लाई को ठीक करने का काम चल रहा है, और अधिकांश स्थानों पर मेंटनेंस कार्य पूरा किया जा चुका है।
नुकसान की भरपाई
कृषि मंत्री और संबंधित विभाग ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की सहायता के लिए जल्दी ही मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही, पावर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को स्थिर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।