सत्यकथा.... "मायके में मकबरा": चाची-भतीजे के पापी इश्क का खूनी अंजाम

सत्यकथा

जब रिश्ते पवित्रता की सीमाएं तोड़ते हैं, तो केवल संबंध ही नहीं, जीवन भी चकनाचूर हो जाते हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से आई इस सनसनीखेज वारदात ने रिश्तों की मर्यादा, वासना की दीवानगी और एकतरफा मोहब्बत के खतरनाक अंजाम को बेनकाब कर दिया है। कहानी है चाची और भतीजे के उस नाजायज रिश्ते की, जिसने प्रेम के नाम पर अंत में मौत को गले लगाया।

मुमताज, सद्दाम और एक दीवार में दफन राज

इंग्लिशबाजार के रहमान नदाफ और उनकी पत्नी मुमताज की शादी को पांच साल हो चुके थे। रहमान का भतीजा सद्दाम नदाफ भी उनके साथ ही रहता था। उम्र में मामूली अंतर होने के कारण चाचा-भतीजे का रिश्ता दोस्ताना था, लेकिन जैसे ही घर में नई नवेली दुल्हन बनकर मुमताज आई, सद्दाम की नजरें उसके हुस्न पर अटक गईं।

सद्दाम, एक लेबर ठेकेदार था और उसके पास पैसा और रुतबा दोनों थे। जब उसने देखा कि मुमताज के साथ उसके संबंध बनाने की गुंजाइश है, तो उसने अपने धंधे में उसे पार्टनर बना लिया। एक ही बाइक पर सवार होकर गांव-गांव मजदूरों को ले जाना, रात-बेरात साथ घूमना, और धीरे-धीरे एक-दूसरे के करीब आना, यह सब रिश्ते को वासना की लपटों में झोंकता चला गया।

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जब चाची बनी प्रेमिका और शिकार बनी वैवाहिक वफादारी

मुमताज ने पहले तो विरोध नहीं किया, बल्कि धीरे-धीरे वह भी सद्दाम की ओर आकर्षित होने लगी। दोनों के बीच शारीरिक संबंधों का सिलसिला शुरू हुआ, जिसे रहमान और बहू रूबीना दोनों लंबे समय तक समझ नहीं सके। लेकिन फिर भी, रिश्तों की लहरें चुप नहीं रहतीं।

रूबीना को शादी के कुछ ही दिनों में एहसास हो गया कि उसके शौहर के दिल और जिस्म पर किसी और का कब्जा है—और वह कोई और नहीं, उसकी अपनी चाची सास मुमताज है। हालातों से समझौता करते हुए वह चुप रही, लेकिन एक रात जब सद्दाम देर रात तक घर नहीं लौटा, तो उसने जब चाची को फोन किया, तो उससे मिली प्रतिक्रिया से उसके होश उड़ गए।

मुमताज ने कहा, "मैं तो अपने मायके में हूं!"
यह सुनते ही रूबीना समझ गई कि कम से कम उस रात उसका पति मुमताज के साथ नहीं है। लेकिन उसी रात के बाद सद्दाम कभी घर नहीं लौटा।

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गुमशुदगी से कत्ल तक: पुलिस जांच और खुलासा

23 मई को रूबीना ने थाने में पति की गुमशुदगी दर्ज कराई और मुमताज पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि उनके बीच नाजायज संबंध थे और अब वह लापता है, तो शक मुमताज पर ही जाता है। जांच के दौरान पुलिस ने सद्दाम की कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन ट्रैक की तो सबसे आखिरी लोकेशन मुमताज के मायके की मिली।

जब मुमताज से दोबारा सख्ती से पूछताछ की गई, तो वह टूट गई। उसने स्वीकार किया कि उसने ही अपने भतीजे और प्रेमी सद्दाम की हत्या की। वजह बताई - "वो मुझे एक पोर्न अभिनेत्री की तरह समझता था, और बार-बार सेक्सुअल हिंसा करने लगा था। उसने मेरे पति और बच्चों को मारने की धमकी दी थी।"

दीवार में दफन प्यार: मकबरे में बदला मायका

मुमताज ने स्वीकार किया कि उसने योजना बनाकर अपने मायके बुलाकर सद्दाम को मार डाला। फिर शव को घर की सीढ़ियों के नीचे दीवार में चुनवा दिया और ऊपर से प्लास्टर करवा दिया, ताकि कोई शक न कर सके। पुलिस ने मुमताज के बताए स्थान से दीवार तुड़वाकर शव बरामद किया। शव सड़ा हुआ था लेकिन पहचान की पुष्टि हो गई।

क्या अकेली थी मुमताज? मायके वालों पर शक

रूबीना का कहना है कि मुमताज अकेले यह सब नहीं कर सकती थी। शव को दीवार में चुनवाना किसी महिला के बस की बात नहीं। पुलिस भी इस एंगल से जांच कर रही है कि मुमताज के मायके के सदस्य इस कत्ल में शामिल थे या नहीं।

तीन साल के इश्क और एक दिन का खौफनाक अंत

सद्दाम और मुमताज का रिश्ता लगभग तीन साल चला। मगर जब मुमताज को लगा कि अब उसका घर टूट सकता है, समाज में बदनामी हो सकती है, और सद्दाम से पीछा छुड़ाना नामुमकिन है, तो उसने उस दीवाने इश्क का खौफनाक अंत कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

मुमताज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस मुमताज के मायके वालों की भूमिका की जांच कर रही है। एसपी मालदा, जगदीश यादव ने बताया कि इस केस में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।


सवाल

क्या किसी रिश्ते की शुरुआत इतनी खौबसूरत हो सकती है कि वह धीरे-धीरे एक खौफनाक अंत की ओर बढ़ जाए? यह कहानी एक कड़वी सच्चाई है—जहां प्रेम ने मर्यादा को, वासना ने रिश्तों को और डर ने इंसानियत को दीवार में दफन कर दिया।


(इस कहानी के सभी नाम बदले गए हैं। यह रिपोर्ट उपलब्ध पुलिस दस्तावेजों, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और एफआईआर से संकलित है।)

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