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मंदसौर: समलैंगिक सहेलियों का सेक्सटार्शन गिरोह पकड़ाया, युवकों से ठगी और ब्लैकमेलिंग का खुलासा
Satyakatha
दो महिलाओं और उनके सहयोगियों ने रांग नंबर और अश्लील वीडियो के सहारे तीन साल में 40 लाख से अधिक की ठगी की; पुलिस ने दो महिलाओं और नाबालिग को किया गिरफ्तार
जावरा थाना क्षेत्र के मेनपुरिया गांव में पुलिस ने दो महिलाओं और उनके सहयोगियों का सेक्सटार्शन गिरोह पकड़ा। आरोपी सपना और सुनीता ने युवकों को फोन के माध्यम से अपने जाल में फंसाकर अश्लील वीडियो बनाए और ब्लैकमेल करके मोटी रकम ऐंठी। पुलिस ने गोपाल और उसके मित्र रमेश को अपहरण कर बंधक बनाए जाने के बाद सुरक्षित बरामद किया।
मामला 6 जुलाई का है, जब किसान गोपाल और उसके रिश्तेदार रमेश मंदसौर में पशुपतिनाथ के दर्शन गए थे। शाम तक लौटने के बावजूद दोनों घर नहीं पहुंचे, और उनके मोबाइल बंद होने से परिवार में चिंता बढ़ गई। तीसरे दिन, रमेश के मोबाइल से परिवार को पांच लाख रुपए की फिरौती की मांग की गई। परिवार तुरंत नई आबादी थाना पहुंचा और पुलिस को पूरी जानकारी दी।
एसपी अनुराग सुजानिया ने घटना की गंभीरता को देखते हुए टीम गठित की। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर मेनपुरिया गांव में छापा मारा और गोपाल व रमेश को सुरक्षित बरामद किया। इस दौरान दो महिलाएं सपना और सुनीता, साथ ही सपना का नाबालिग बेटा गिरफ्तार हुआ। तलाशी में तीन लाख रुपए नकद और दोनों महिला आरोपियों के मोबाइल में 40 से अधिक अश्लील वीडियो बरामद हुए।
जांच में सामने आया कि गिरोह युवकों को फंसाने के लिए पहले भरोसे का जाल बिछाता। मोबाइल पर बातचीत के बाद युवकों को घर बुलाकर कैद किया जाता। पैसे देने में देरी करने वालों को धमकाकर या जबरन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता था। फिरौती या डर के सहारे अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूले जाते थे।
पुलिस के अनुसार, आरोपी महिलाओं ने तीन साल तक नीमच, धार, रतलाम और आगर-मालवा में लगभग तीस युवकों से 40 लाख से अधिक की ठगी की। सपना और सुनीता समलैंगिक होने के साथ-साथ एक-दूसरे की सहेलियां थीं। अपनी जरूरत और खर्च के लिए उन्होंने दो पुरुष सहयोगियों की मदद से यह गिरोह चलाया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार महिला और नाबालिग अपचारी को अदालत में पेश कर जेल और बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया। मोबाइल और वीडियो जांच से यह स्पष्ट हुआ कि गिरोह का काम लंबे समय से चल रहा था। पुलिस का कहना है कि यदि और शिकार सामने आते हैं, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एसपी सुजानिया ने नागरिकों से आगाह किया है कि किसी भी अंजान नंबर या संदिग्ध कॉल पर विश्वास न करें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें। इस मामले ने स्पष्ट कर दिया कि तकनीक के माध्यम से अपराध करने वाले गिरोह तेजी से सक्रिय हो सकते हैं और सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी है।
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