- Hindi News
- राज्य
- छत्तीसगढ़
- 26 दिन फरार रहने के बाद अमित बघेल गिरफ्तार
26 दिन फरार रहने के बाद अमित बघेल गिरफ्तार
CG
मां के अंतिम संस्कार के लिए पुलिस कस्टडी में गांव जाएंगे, कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड मंजूर की; गिरफ्तारी के बाद सड़क पर उतरे समर्थक
छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को रायपुर पुलिस ने शनिवार सुबह देवेंद्र नगर इलाके में गिरफ्तार कर लिया। बघेल थाने के बाहर सरेंडर की तैयारी में पहुंचे थे, लेकिन थाने के गेट से करीब 20 मीटर पहले ही पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया। समर्थकों ने इस कार्रवाई को “जबरन गिरफ्तारी”, जबकि पुलिस ने इसे “कानूनी गिरफ्तारी” बताया है।
गिरफ्तारी के बाद अमित बघेल को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने अदालत को बताया कि बघेल की मां का शुक्रवार को निधन हुआ है, जिसके बाद न्यायालय ने अंतिम संस्कार के लिए उन्हें पुलिस कस्टडी में गांव ले जाने की अनुमति दी।
गिरफ्तारी शनिवार सुबह रायपुर के देवेंद्र नगर थाना क्षेत्र में हुई। इसके बाद कोर्ट परिसर और शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया।
अमित बघेल आपत्तिजनक बयानों और धार्मिक समुदायों के खिलाफ कथित टिप्पणी के मामलों में 12 राज्यों में दर्ज FIRs का सामना कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2025 को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की थी कि,
“अपनी जुबान पर लगाम रखें… जहां-जहां FIR है, वहां कानून की प्रक्रिया का सामना करें।”
इसके बाद से बघेल 26 दिनों से फरार थे।
पुलिस के अनुसार, खुफिया इनपुट के आधार पर देवेंद्र नगर इलाके में सुरक्षा बढ़ाई गई थी। बघेल जैसे ही समर्थकों के साथ थाने के पास पहुंचे, पुलिस ने तुरंत उन्हें हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के दौरान विवाद की आशंका में भारी फोर्स तैनात रही।
समर्थकों ने किया सड़क जाम
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही बघेल समर्थकों ने आमापारा जी रोड को जाम कर दिया। करीब दो घंटे तक दोनों ओर वाहन फंसे रहे। बाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों ने आपसी समझ से एंबुलेंस को रास्ता दिया। शहर के विभिन्न इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया।
कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा
पुलिस ने कोर्ट परिसर में अतिरिक्त बल, बैरिकेडिंग और निगरानी व्यवस्था तैनात की। अधिकारियों ने आशंका जताई थी कि गिरफ्तारी के बाद अचानक विरोध बढ़ सकता है। रिमांड मंजूर होने के बाद बघेल को पुलिस स्टेशन वापस ले जाया गया।
27 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़फोड़ की घटना के बाद बघेल ने अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के आराध्य झूलेलाल को लेकर टिप्पणी की थी। इस बयान के बाद अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ने कई जिलों में प्रदर्शन किए और FIR दर्ज करने की मांग की। सिटी कोतवाली सहित कई राज्यों में उनके खिलाफ मामले दर्ज हुए।
मूर्ति विवाद क्या था?
26 अक्टूबर को रायपुर के VIP चौक पर स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी को अगले दिन गिरफ्तार किया। आरोपी मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया गया। इस घटना के विरोध में क्रांति सेना और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।
अमित बघेल की रिमांड अवधि के दौरान पुलिस उनसे बयान और डिजिटल साक्ष्य जुटाने की तैयारी कर रही है। उनके खिलाफ दर्ज अलग-अलग FIRs की जांच भी तेज होने की संभावना है। कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए मामले ने राज्य में नई राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है, जो राष्ट्रीय समाचार और ट्रेंडिंग न्यूज इंडिया में सुर्खियों में है।
