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रायपुर में कानून-व्यवस्था पर सवाल: मैग्नेटो मॉल तोड़फोड़ मामले में 50 से ज्यादा गिरफ्तार
रायपुर (छ.ग.)
छत्तीसगढ़ बंद के दौरान रायपुर में हिंसा, पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को सेंट्रल जेल भेजा
छत्तीसगढ़ बंद के दौरान रायपुर के मैग्नेटो मॉल में हुई तोड़फोड़ और हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बजरंग दल के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने न केवल मॉल परिसर में तोड़फोड़ की, बल्कि इसके बाद तेलीबांधा थाना परिसर में घुसकर हंगामा, चक्काजाम और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। देर रात सभी आरोपियों को पुलिस बसों के जरिए सेंट्रल जेल भेजा गया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, क्रिसमस से एक दिन पहले 24 दिसंबर को छत्तीसगढ़ बंद के दौरान 30 से 40 लोग लाठी-डंडों के साथ मैग्नेटो मॉल में घुस गए थे। मॉल के भीतर जमकर तोड़फोड़ की गई, क्रिसमस सजावट, दुकानों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। मॉल प्रबंधन का दावा है कि इस हिंसा में करीब 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 30 से 40 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया। कार्रवाई के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ता शनिवार दोपहर तेलीबांधा थाना पहुंचे और थाने के सामने सड़क पर चक्काजाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर हवन किया, टेंट लगाया और चूल्हा-राशन लेकर धरने पर बैठ गए। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर दो एएसपी, चार सीएसपी और एक दर्जन से अधिक थाना प्रभारियों समेत अतिरिक्त बल तैनात किया गया। मंदिर हसौद और एयरपोर्ट की ओर से आने वाले ट्रैफिक को राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर डायवर्ट किया गया। देर रात पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
बजरंग दल के जिला संयोजक विजेंद्र वर्मा ने तोड़फोड़ के आरोपों को नकारते हुए कहा कि मॉल में केवल सजावट को नुकसान पहुंचा है और इतनी बड़ी कार्रवाई अनुचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि मॉल प्रबंधन ने जानबूझकर सांता क्लॉज की मूर्ति लगाकर भावनाएं भड़काईं। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले में साक्ष्य स्पष्ट हैं और जांच निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ाई जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मॉल कर्मचारियों और वहां मौजूद लोगों से धर्म और जाति पूछे जाने के आरोप भी सामने आए हैं, जिसकी गंभीरता से जांच की जा रही है। घटना के बाद एहतियातन विधानसभा रोड स्थित अंबुजा मॉल को खाली कराया गया और सुरक्षा बढ़ा दी गई।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की कड़ी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी संगठन को हिंसा और अराजकता की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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