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24 हजार की SIP से 22 साल में बन सकता है 6 करोड़ का फंड, जानिए निवेश का पूरा गणित
बिजनेस न्यूज
स्टेप-अप SIP और सही एसेट एलोकेशन से लंबी अवधि में छोटी रकम भी बना सकती है बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस
लंबी अवधि में संपत्ति निर्माण का सबसे भरोसेमंद रास्ता अनुशासित निवेश माना जाता है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के ज़रिये नियमित निवेश और समय के साथ निवेश राशि बढ़ाने की रणनीति अपनाई जाए, तो हर महीने की सीमित रकम भी करोड़ों का फंड बना सकती है। इसी कड़ी में ₹24,000 की मासिक SIP से 22 साल में लगभग ₹6 करोड़ का कॉर्पस तैयार होने का अनुमान सामने आया है।
निवेश सलाहकारों का कहना है कि अगर कोई निवेशक इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड्स में लंबी अवधि तक बना रहता है और हर साल SIP में 10% की बढ़ोतरी करता है, तो कंपाउंडिंग का असर काफी मजबूत हो जाता है। यही वजह है कि केवल रिटर्न पर ध्यान देने के बजाय निवेश की निरंतरता और समय अवधि अधिक अहम मानी जाती है।
कैसे बनता है ₹6 करोड़ का फंड
मान लीजिए कोई निवेशक हर महीने ₹24,000 की SIP करता है और औसतन 12% सालाना रिटर्न मिलता है। अगर SIP की राशि स्थिर रखी जाए, तो 22 साल में कुल निवेश लगभग ₹63 लाख होगा और अनुमानित फंड करीब ₹3 करोड़ तक पहुंच सकता है। हालांकि, महंगाई को देखते हुए यह राशि भविष्य की जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं मानी जाती।
यहीं पर स्टेप-अप SIP की भूमिका अहम हो जाती है। यदि निवेशक हर साल SIP राशि 10% बढ़ाता है, तो कुल निवेश राशि समय के साथ तेज़ी से बढ़ती है और कंपाउंडिंग का लाभ दोगुना असर दिखाता है। इसी रणनीति के तहत 22 साल बाद कुल फंड लगभग ₹6 करोड़ तक पहुंच सकता है।
पोर्टफोलियो का संतुलन क्यों ज़रूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक, केवल एक कैटेगरी के फंड में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स का संतुलित मिश्रण पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है। इसके अलावा, गोल्ड जैसे एसेट को शामिल करने से बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान जोखिम कम किया जा सकता है।
सलाह दी जाती है कि गोल्ड में एकमुश्त निवेश करने के बजाय छोटी SIP के ज़रिये निवेश किया जाए, ताकि कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर संतुलित रहे। गोल्ड ETF या गोल्ड फंड, दोनों ही विकल्प निवेशकों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग की अहम सीख
वित्तीय जानकारों का कहना है कि रिटायरमेंट की तैयारी केवल किसी एक खास फंड पर निर्भर नहीं होनी चाहिए। सही एसेट एलोकेशन, नियमित निवेश, समय-समय पर पोर्टफोलियो की समीक्षा और हर साल SIP बढ़ाना—ये चार तत्व मिलकर मजबूत रिटायरमेंट फंड तैयार करते हैं।
निष्कर्ष यही है कि जल्दी शुरुआत, लंबा समय और अनुशासन—इन तीनों के साथ किया गया निवेश भविष्य में वित्तीय सुरक्षा की मजबूत नींव रखता है।
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