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रायपुर में बोले सचिन पायलट – कांग्रेस संगठन में बदलाव की जरूरत, सभी नेता अश्वमेध के घोड़े
Raipur, CG
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि संगठन में मंडल स्तर से ऊपर तक बदलाव की गुंजाइश है और इसे लेकर प्रस्ताव भी पारित किया गया है। हालांकि, उन्होंने माना कि इन बदलावों को लागू करना आसान नहीं है, फिर भी कांग्रेस उस दिशा में बढ़ रही है।
राहुल गांधी के बयान पर सफाई
राहुल गांधी के ‘लंगड़े घोड़े’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा – "यहां सभी नेता अश्वमेध के घोड़े हैं, जो हर चुनौती के लिए तैयार हैं।" उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पूरी ऊर्जा के साथ जनता के मुद्दों पर लड़ने को तैयार हैं।
भाजपा पर साधा निशाना
पायलट ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार मंत्रिमंडल विस्तार तक नहीं कर पा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष तक तय नहीं हो पा रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार दिल्ली के इशारों पर चल रही है और जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की भूमिका सीमित कर दी गई है।
साय सरकार पर तीखा हमला
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साय की सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। प्रदेश में लूट, बलात्कार, डकैती और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। किसानों को खाद नहीं मिल रही और 17 जनकल्याणकारी योजनाएं भाजपा सरकार ने बंद कर दी हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे पिछली कांग्रेस सरकार की थीं।
कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जा रहा
सचिन पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और पार्टी कार्यालय तक को सील कर दिया गया।
7 जुलाई को जनसभा
उन्होंने जानकारी दी कि 7 जुलाई को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 'किसान-जवान-संविधान' जनसभा आयोजित की जाएगी। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे। इस जनसभा को लेकर पार्टी पूरे राज्य में तैयारियों में जुटी है।
मीटिंग में बघेल ने जताई नाराजगी
राजीव भवन में आयोजित पॉलिटिकल अफेयर्स मीटिंग के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुशासनहीनता और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से सवाल किया कि वे सरकार के खिलाफ मुखर क्यों नहीं हैं।
राहुल गांधी के बयान की पृष्ठभूमि
कुछ दिन पहले भोपाल में राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं की तुलना तीन प्रकार के घोड़ों से की थी – रेस के घोड़े, बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़े। उन्होंने कहा था कि रेस के घोड़े दौड़ाए जाएंगे, बारात के घोड़े सजेंगे और लंगड़ों को रिटायर कर दिया जाएगा। इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा हुई थी।
