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भोपाल में केंद्र और राज्य की संयुक्त बैठक: 23 हजार करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा, युवाओं और खेलों को बढ़ावा देने पर जोर
Bhopal, MP
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को केंद्र सरकार के तीन वरिष्ठ सचिवों ने प्रदेश के मुख्य सचिव और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें कर 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक की केंद्र-प्रायोजित योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा की। इन बैठकों का उद्देश्य राज्य में केंद्र की मदद से चल रही विकास परियोजनाओं की प्रगति का आकलन करना और भविष्य की दिशा तय करना था।
रेल, सड़क और शहरी विकास पर रही खास चर्चा
मुख्य सचिव अनुराग जैन और केंद्रीय समन्वय सचिव मनोज गोविल की अध्यक्षता में हुई बैठक में रेल, दूरसंचार, सड़क परिवहन और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की नौ प्रमुख परियोजनाओं और दस महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की गई। इनमें झांसी–खैरार–माणिकपुर, खैरार–भीमसेन, रामगंजमंडी–भोपाल, ललितपुर–सतना, रीवा–सिंगरौली, महोबा–खजुराहो रेल मार्ग और भोपाल मेट्रो से संबंधित विषय शामिल रहे।
परियोजनाओं की अनुमानित लागत लगभग ₹23,000 करोड़ है। बैठक में राज्य सरकार द्वारा समय पर की गई कार्रवाई की सराहना की गई, वहीं कुछ लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश भी दिए गए।
ब्याज मुक्त ऋण और SASCI योजना पर विचार
बैठक में डॉ. मनोज गोविल ने सुझाव दिया कि SASCI योजना के तहत प्राथमिकता प्राप्त परियोजनाओं के लिए ब्याज मुक्त ऋण की संभावना तलाशी जानी चाहिए। बैठक के बाद उन्होंने भोपाल मेट्रो और रामगंजमंडी–भोपाल रेल परियोजना का निरीक्षण भी किया।
खेल और युवा कल्याण की परियोजनाओं का भी हुआ मंथन
खेल मंत्रालय के सचिव और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक हरिरंजन राव तथा युवा कार्यक्रम मंत्रालय की सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने भी प्रदेश में चल रही खेल और युवा कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की।
राव ने गौरा गांव स्थित उद्धवदास मेहता भाईजी सेन्ट्रल रीजनल सेंटर, बिशनखेड़ी की खेल सुविधाओं, शूटिंग, घुड़सवारी अकादमी और स्पोर्ट्स साइंस सेंटर का निरीक्षण किया।
'माय भारत' पोर्टल को सशक्त बनाने पर बल
डॉ. पल्लवी गोविल ने यूथ हॉस्टल, तात्याटोपे स्टेडियम और टी.टी. नगर में खेल गतिविधियों का निरीक्षण कर ‘माय भारत’ पोर्टल की राज्य स्तरीय समीक्षा की। उन्होंने युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभागीय समन्वय को मजबूत करने और तकनीकी सुधार के सुझाव दिए। साथ ही विभिन्न विभागों को 'माय भारत' प्लेटफॉर्म से जोड़ने की सिफारिश की।
