- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- आज त्रिपुंड और त्रिशूल से हुआ भगवान महाकालेश्वर का दिव्य श्रृंगार
आज त्रिपुंड और त्रिशूल से हुआ भगवान महाकालेश्वर का दिव्य श्रृंगार
Ujjain, MP

भस्म आरती में गूंजे जयकारे, श्रद्धालुओं ने पाया पुण्य लाभ
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज वैशाख माह की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि पर अद्भुत और भक्तिभाव से परिपूर्ण दृश्य देखने को मिला। शुक्रवार तड़के सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट विधिवत् रूप से खोले गए, जिसके साथ ही भगवान महाकालेश्वर का विशेष अभिषेक एवं श्रृंगार शुरू हुआ।
श्रद्धा और आस्था से भरे इस पावन अवसर पर पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके उपरांत दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत द्वारा महाभिषेक सम्पन्न किया गया। आज विशेष रूप से भगवान महाकाल का त्रिपुंड और त्रिशूल से दिव्य श्रृंगार किया गया, जिसने श्रद्धालुओं के हृदय को भावविभोर कर दिया।
भगवान के मस्तक पर चंद्र और त्रिशूल की अनुपम अलंकरण किया गया। साथ ही उन्हें भांग, चंदन, आभूषणों और सुंदर पुष्पमालाओं से सजाया गया। बाबा महाकाल के स्वरूप को और अधिक भव्यता प्रदान करते हुए शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाला, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित फूलों की माला पहनाई गई। इसके बाद उन्हें फल और मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया।
सुबह की भस्म आरती में देशभर से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। आरती के समय पूरा मंदिर परिसर 'जय महाकाल' के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं निवेदित कर, उनके पूर्ण होने का आशीर्वाद भी मांगा।
महाकालेश्वर मंदिर में आज की भक्ति, श्रृंगार और श्रद्धा की छटा ने यह साबित कर दिया कि जब भाव होता है तो भगवान स्वयं सजकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप ने हर किसी को आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मिक शांति प्रदान की।