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गुजरात सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा: पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से की फोन पर चर्चा
Jagran Desk

इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती जिलों में राज्य सरकार द्वारा की गई सुरक्षा तैयारियों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की जानकारी ली। साथ ही मौजूदा हालात में राज्य प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कच्छ, बनासकांठा, पाटन और जामनगर जैसे संवेदनशील जिलों में की गई अग्रिम तैयारियों पर फोकस करते हुए नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इन सभी जिलों की सीमाएं पाकिस्तान से सटी हुई हैं और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इन्हें उच्च सुरक्षा श्रेणी में रखा गया है।
एहतियाती ब्लैकआउट: 7 घंटे तक अंधेरा
गुरुवार रात गुजरात के कच्छ और बनासकांठा जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सात घंटे तक बिजली आपूर्ति जानबूझकर रोकी गई। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कदम पूरी तरह एहतियातन उठाया गया, ताकि किसी संभावित पाकिस्तानी आक्रमण को नाकाम किया जा सके। भुज, नलिया, नखत्राणा और गांधीधाम जैसे इलाकों में भी ब्लैकआउट की व्यवस्था रही।
ड्रोन और मिसाइल हमलों को सेना ने किया विफल
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि 7 और 8 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान की ओर से उत्तर और पश्चिम भारत में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की गई थी। भारतीय सेना ने अत्याधुनिक एंटी-यूएवी और मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए इन सभी हमलों को सफलतापूर्वक निष्फल कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने इस पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। इसका परिणाम यह रहा कि भारत की सीमाओं पर न तो कोई नुकसान हुआ और न ही कोई जनहानि हुई। बनासकांठा जिले के सुईगाम और उसके आसपास के करीब 20 गांवों में भी सुरक्षा की दृष्टि से ब्लैकआउट लागू किया गया।
खावड़ा के पास मिला संदिग्ध ड्रोन मलबा
इससे पहले गुरुवार को कच्छ जिले के खावड़ा गांव के पास संदिग्ध ‘ड्रोन जैसी’ वस्तु का मलबा मिला था। यह इलाका पाकिस्तान सीमा के बेहद करीब है, जिससे खतरे की आशंका और मजबूत हो गई है। प्रशासनिक और सैन्य टीमों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।