उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने उतारे रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, NDA प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन से होगा मुकाबला

Jagran Desk

देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

 उनका सीधा मुकाबला एनडीए (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा।

79 वर्षीय जस्टिस रेड्डी आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं। वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। वर्ष 2007 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं—रेड्डी आंध्रप्रदेश से जबकि राधाकृष्णन तमिलनाडु से।

नामांकन और वोटिंग की तारीखें तय

दोनों उम्मीदवार 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त तय की गई है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन वोटों की गिनती के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

क्यों हो रहे हैं समय से पहले चुनाव

यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हो रहा है। उन्होंने 21 जुलाई की रात अपना पद छोड़ दिया था, जबकि उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक तय था।

विपक्ष ने बताया लोकतंत्र के लिए अहम कदम

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब भी संविधान और लोकतंत्र पर खतरा आता है, विपक्ष एकजुट होकर खड़ा होता है। सभी दलों ने सर्वसम्मति से साझा उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है, यह लोकतंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है।”
टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी भी इस फैसले से सहमत है और जल्द ही अपने समर्थन की घोषणा करेगी।

एनडीए का पलड़ा भारी

सांसदों की संख्या के लिहाज से एनडीए का पलड़ा मजबूत माना जा रहा है। वर्तमान में लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 782 सदस्य निर्वाचक मंडल का हिस्सा हैं। उपराष्ट्रपति बनने के लिए 391 सांसदों का समर्थन जरूरी है।
एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर लगभग 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि विपक्ष का आंकड़ा इससे काफी कम है। यही वजह है कि चुनावी गणित के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

  • उपराष्ट्रपति का चुनाव सांसदों के निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।

  • उम्मीदवार को नामांकन के लिए कम से कम 20 सांसदों का प्रस्ताव और 20 का समर्थन चाहिए।

  • मतदान में सांसद प्रत्याशियों को प्राथमिकता क्रम में अंकित करते हैं।

  • 50% से अधिक वैध मत प्राप्त करने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होता है।

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