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20 अगस्त पंचांग: बुध प्रदोष व्रत पर करें शिवपूजन, मिलेगा सौभाग्य और समृद्धि
DHARAM DESK

आज का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष है। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि बुधवार को पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन बुध प्रदोष व्रत रखा जाता है और भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। द्वादशी तिथि पर शुक्र ग्रह का अधिकार माना गया है, जो इसे दान और शुभ कार्यों के लिए उत्तम बनाता है।
पंचांग विवरण
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विक्रम संवत : 2081
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मास : भाद्रपद
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पक्ष : कृष्ण पक्ष
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तिथि : द्वादशी
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वार : बुधवार
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योग : सिद्धि
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नक्षत्र : पुनर्वसु
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करण : तैतिल
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चंद्र राशि : मिथुन
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सूर्य राशि : सिंह
सूर्योदय और सूर्यास्त
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सूर्योदय : प्रातः 06:17 बजे
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सूर्यास्त : सायं 07:08 बजे
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चंद्रोदय : रात्रि 03:36 बजे (21 अगस्त)
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चंद्रास्त : सायं 05:10 बजे
राहुकाल व अन्य वर्जित समय
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राहुकाल : 12:42 से 14:19 बजे तक
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यमगंड : 07:53 से 09:30 बजे तक
इस दौरान कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ करने से बचना चाहिए।
नक्षत्र का महत्व
आज चंद्रमा मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र पर विराजमान रहेंगे।
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इस नक्षत्र की अधिष्ठात्री देवी अदिति और स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं।
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यह नक्षत्र यात्रा, पूजा-पाठ, वाहन खरीदने या उसकी सर्विसिंग कराने, मित्रों से मिलने तथा बागवानी करने के लिए अत्यंत शुभ है।
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यह तेज, गतिशील और सौम्य कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
बुध प्रदोष व्रत का महत्व
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प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है।
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बुधवार के दिन यह व्रत करने से बुद्धि, विवेक और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।
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मान्यता है कि शिव-पार्वती की पूजा करने से आर्थिक लाभ, मानसिक शांति और परिवारिक सुख प्राप्त होता है।
20 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक अनुष्ठानों, मित्रों से भेंट और नए कार्यों की योजना बनाने के लिए श्रेष्ठ है। केवल राहुकाल और यमगंड काल में शुभ कार्य करने से परहेज करना चाहिए।