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जबलपुर-रतलाम समेत 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, भोपाल-इंदौर में हल्की बौछारें; 4 दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
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मध्यप्रदेश में मानसून का असर लगातार बना हुआ है। मौसम विभाग ने बुधवार को जबलपुर और रतलाम समेत 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा।
किन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
बुधवार को नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
इंदौर-भोपाल में बारिश का दौर
मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई। इंदौर में 9 घंटे में ढाई इंच से ज्यादा पानी बरस गया, जबकि भोपाल में शाम को तेज बारिश हुई। रायसेन और नर्मदापुरम में आधा इंच पानी गिरा। इसके अलावा बैतूल, गुना, खरगोन, उज्जैन, ग्वालियर, मंडला और सिवनी में भी बारिश दर्ज की गई।
अब तक औसत से ज्यादा बारिश
प्रदेश में 16 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। अब तक औसतन 32 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश 26.1 इंच होती है। यानी अभी तक 5.9 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। राज्य की सामान्य औसत बारिश 37 इंच है, जिसमें से 86 प्रतिशत बारिश पहले ही हो चुकी है।
किन हिस्सों में ज्यादा-कम बारिश
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पूर्वी मध्यप्रदेश (जबलपुर, रीवा, सागर, शहडोल) में इस बार मानसून मजबूत रहा और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने।
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ग्वालियर-चंबल संभाग में भी बारिश का आंकड़ा कोटे से ज्यादा रहा।
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वहीं इंदौर और उज्जैन संभाग के कई जिलों में सामान्य से आधी भी बारिश नहीं हुई है।
सबसे ज्यादा बारिश
मंडला और गुना में अब तक 47 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और अशोकनगर भी 45 इंच के आसपास पहुंच चुके हैं।
भोपाल का बारिश रिकॉर्ड
राजधानी भोपाल में अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश 2006 में 35 इंच हुई थी। इसी साल 24 घंटे में सर्वाधिक 12 इंच पानी भी दर्ज किया गया था। सामान्यत: अगस्त में भोपाल में 14 दिन तक बारिश होती है।