असम में पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला: बोले— बांग्लादेशी घुसपैठिए कांग्रेस ने बसाए, इसलिए SIR का विरोध

Digital Desk

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डिब्रूगढ़ में अमोनिया-यूरिया प्लांट का उद्घाटन, किसानों और असम की पहचान को लेकर केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम दौरे के दूसरे दिन कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा एक बार फिर जोर-शोर से उठाया। डिब्रूगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने का काम कांग्रेस ने किया और आज वही पार्टी उन्हें बचाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से कांग्रेस SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का विरोध कर रही है। प्रधानमंत्री ने इसे तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए कहा कि इस “कहर” से असम को बचाना जरूरी है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने डिब्रूगढ़ में अमोनिया-यूरिया प्लांट का उद्घाटन भी किया। इस प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.7 लाख टन होगी और इसके 2030 तक पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने कहा कि यह परियोजना असम और पूर्वोत्तर के किसानों की खाद जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने बताया कि इस यूनिट में करीब 11 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने किसानों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था जब यूरिया के लिए किसानों को लंबी लाइनों में लगना पड़ता था और पुलिस की लाठियां तक खानी पड़ती थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति कांग्रेस शासन के दौरान बनी, जब खाद संकट और पुरानी तकनीक की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को राहत देने के लिए लगातार काम कर रही है और आज सरकार 3 हजार रुपए में यूरिया खरीदकर किसानों को करीब 300 रुपए में उपलब्ध करा रही है, ताकि महंगाई का बोझ किसानों पर न पड़े।

प्रधानमंत्री ने असम की सांस्कृतिक पहचान और इतिहास की रक्षा का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि भाजपा असम की पहचान और सम्मान की रक्षा के लिए “फौलाद की तरह” खड़ी है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य में अगले साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। 126 सदस्यीय असम विधानसभा के चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह पिछले चार महीनों में दूसरा दौरा माना जा रहा है।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी में क्रूज पर 25 छात्रों के साथ करीब 45 मिनट तक ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद वह असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने शहीद स्मारक पहुंचे। यहां उन्होंने 1985 में अवैध प्रवासियों के खिलाफ हुए असम आंदोलन के शहीदों को नमन किया और पहले शहीद खरगेश्वर तालुकदार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम आंदोलन के बलिदानों को भुलाया नहीं जा सकता और राज्य के इतिहास से जुड़े इन अध्यायों से नई पीढ़ी को अवगत कराना जरूरी है। 170 करोड़ रुपए की लागत से बने इस स्मारक में साउंड एंड लाइट शो सहित कई सुविधाएं विकसित की गई हैं।

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