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PM मोदी का G7 से सख्त संदेश: आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं चलेगा, मानवता पर हमला बर्दाश्त नहीं
Jagran Desk
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में आयोजित 51वें G7 सम्मेलन में हिस्सा लिया और आतंकवाद, वैश्विक दक्षिण की चिंताओं, और डीप फेक जैसी तकनीकी चुनौतियों पर दुनिया को साफ-साफ संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर दुनिया को डबल स्टैंडर्ड छोड़ना होगा, वरना इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
आतंकवाद को समर्थन देने वालों को चुकानी होगी कीमत
PM मोदी ने कहा, “अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।” उन्होंने कहा कि एक तरफ तो दुनिया प्रतिबंधों को लेकर बेहद सतर्क रहती है, लेकिन आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। यह नीति अब नहीं चल सकती।
पहलगाम हमला मानवता पर हमला था
PM मोदी ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक स्थान पर हमला नहीं था, बल्कि यह हर भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर हमला था।" उन्होंने इसे पूरी मानवता पर हमला बताया।
आतंकवाद, लोकतंत्र और वैश्विक शांति
उन्होंने कहा, “आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक शांति के खिलाफ सबसे बड़ा खतरा है।" उन्होंने सभी देशों से आह्वान किया कि नीति और सोच में स्पष्टता होनी चाहिए ताकि कोई भी आतंकवाद को पालने से पहले सौ बार सोचे।
वैश्विक दक्षिण की आवाज बन रहा भारत
PM मोदी ने कहा कि भारत 'वैश्विक दक्षिण' के देशों की चिंताओं को विश्व मंच पर उठाने की जिम्मेदारी निभा रहा है। उन्होंने बताया कि ये देश खाद्य, ऊर्जा और वित्तीय संकटों से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और इन्हें वैश्विक निर्णयों में उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
AI और डीप फेक पर चिंता
PM मोदी ने तेजी से बढ़ रही डीप फेक टेक्नोलॉजी को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने सुझाव दिया कि AI से बनी किसी भी सामग्री पर स्पष्ट वाटरमार्किंग होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि वह वास्तविक है या कृत्रिम। उन्होंने यह भी कहा कि इस सदी में ऊर्जा नहीं, बल्कि तकनीक के लिए सहयोग जरूरी है।
ऊर्जा सुरक्षा पर भी दिया बयान
PM मोदी ने G7 की आउटरीच सेशन में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि सभी के लिए स्थायी, हरित और समावेशी ऊर्जा समाधान जरूरी हैं।
