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ब्रिक्स सीसीआई हेल्थकेयर समिट 2025 : परंपरागत चिकित्सा और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली के सेतु निर्माण का संदेश
नई दिल्ली।

राजधानी में शुक्रवार को आयोजित ब्रिक्स सीसीआई हेल्थकेयर समिट 2025 ने वैश्विक स्वास्थ्य जगत को नई दिशा दी। “ब्रिजिंग ट्रेडिशन एंड इनोवेशन” थीम पर आधारित इस सम्मेलन ने परंपरागत चिकित्सा और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली को एक सूत्र में पिरोने का आह्वान किया।
इस भव्य आयोजन का नेतृत्व ब्रिक्स सीसीआई हेल्थकेयर वर्टिकल के अध्यक्ष एवं कार्यकारी निदेशक (रणनीति) प्रण शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया प्राकृतिक और सुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों की ओर लौट रही है। आयुर्वेद और अन्य परंपरागत प्रणालियों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ना ही भविष्य के समावेशी स्वास्थ्य तंत्र की आधारशिला होगा।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट संबोधन
सम्मेलन में केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा—
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप आयुष केवल हमारी धरोहर नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए समावेशी मॉडल है।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने वीडियो संदेश भेजा, जबकि सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों का प्रभाव सदियों से प्रमाणित है और इन्हें क्लिनिकल ट्रायल की आवश्यकता नहीं है।
विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने ब्रिक्स देशों में आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता पर बल दिया।
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
कार्यक्रम में आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त एच.ई. अनिल सुकलाल, रूस के चार्ज द’अफेयर्स रोमन बाबुश्किन, सेशल्स की उच्चायुक्त एच.ई. हरिसोआ लालातियाना अकुशे सहित कई देशों के राजनयिक शामिल हुए।
विचार-विमर्श और पैनल चर्चा
दिनभर चली पैनल चर्चाओं में आयुष, उद्योग जगत और हेल्थकेयर क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इनमें डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय (आयुष मंत्रालय सलाहकार), सुन बो (चीन दूतावास), आचार्य मनीष, दीपक अग्रवाल (औरक), अभय सिंगवी (रेडक्लिफ लैब्स) और डॉ. अर्जित शर्मा (सेवन सीज वैलनेस) जैसी हस्तियां शामिल थीं।
सहयोगी संस्थान
सम्मेलन को बैद्यनाथ, विक्को लेबोरेट्रीज, जीना सिखो, सांडू फार्मा, रुबन हॉस्पिटल और धूतपापेश्वर लिमिटेड जैसे संस्थानों का सहयोग प्राप्त हुआ।