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आज का पंचांग: 17 दिसंबर 2025 को प्रदोष व्रत, शिव आराधना के लिए जानें शुभ-अशुभ समय
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पौष कृष्ण त्रयोदशी पर विशाखा नक्षत्र और सुकर्मा योग, शाम के समय पूजा से मिलेगा विशेष फल
आज बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन श्रद्धालु भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखते हैं। पंचांग के अनुसार यह व्रत सूर्यास्त के बाद किया जाता है और इसका उद्देश्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति माना जाता है। आज का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि विशाखा नक्षत्र और सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग विवरण के अनुसार त्रयोदशी तिथि देर रात 2 बजकर 33 मिनट तक प्रभावी रहेगी, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी। आज बुधवार का दिन है, जो गणेश जी को समर्पित माना जाता है। विक्रम संवत 2082 और शक संवत 1947 चल रहा है। सूर्य दक्षिणायन में स्थित है और मौसम की दृष्टि से हेमंत ऋतु का प्रभाव बना हुआ है।
आज विशाखा नक्षत्र शाम 5 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र आरंभ होगा। योग की स्थिति में सुकर्मा योग दोपहर 2 बजकर 16 मिनट तक प्रभावी रहेगा, जिसके पश्चात धृतिमान योग बनेगा। करण में गर करण दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक और उसके बाद विष्टि करण रहेगा। चंद्रमा सुबह 10 बजकर 26 मिनट तक तुला राशि में रहेगा और फिर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा।
प्रदोष व्रत में संध्या काल को सबसे अधिक शुभ माना जाता है। आज गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 52 मिनट तक रहेगी, जो शिव पूजा के लिए उपयुक्त समय है। इसके अतिरिक्त ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 18 मिनट से 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा, जो जप, ध्यान और साधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
अशुभ समय की बात करें तो आज राहुकाल दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान नए या महत्वपूर्ण कार्यों से बचने की परंपरा है। यमगंड सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक और गुलिक काल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक बताया गया है।
आज सूर्य उदय का समय सुबह 7 बजकर 7 मिनट और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 27 मिनट निर्धारित है। वहीं अमृत काल सुबह 8 बजकर 25 मिनट से 9 बजकर 42 मिनट तक रहेगा, जिसे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है।
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार आज के दिन गणेश जी को बेसन के लड्डू अर्पित कर गणेश चालीसा का पाठ करना लाभकारी रहेगा। ऐसा करने से कार्यों में आ रही रुकावटें कम होती हैं और मानसिक शांति मिलती है।
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