- Hindi News
- देश विदेश
- “मेरी माँ, मेरी नज़र से” पुस्तक का विमोचन गाज़ियाबाद में, बेटी ने माँ को समर्पित किया सम्मान
“मेरी माँ, मेरी नज़र से” पुस्तक का विमोचन गाज़ियाबाद में, बेटी ने माँ को समर्पित किया सम्मान
digital desk
गाज़ियाबाद में भावुक समारोह में प्रकाशित हुई साहित्यक रचना; माँ‑बेटी के रिश्ते की अनूठी तस्वीर पेश की गई
रविवार, 14 दिसंबर को गाज़ियाबाद के CISF मेस, इंदिरापुरम में एक खास साहित्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें “मेरी माँ, मेरी नज़र से” नामक पुस्तक का विमोचन हुआ। यह कृति केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि एक बेटी की ओर से अपनी माँ के प्रति सम्मान, आदर और जीवनभर की सीख का सजीव दस्तावेज़ है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और अन्य साहित्यकारों के साथ‑साथ लेखक‑लेखिका के परिजन, शुभचिंतक और वरिष्ठ शिक्षाविदों ने भी भाग लिया। विमोचन के समय माहौल संजीदा और भावुक रहा, जिस समय पुस्तक का पहला प्रत EXEMPLAR सार्वजनिक रूप से पेश किया गया।
पुस्तक का उद्देश्य और विषय
“मेरी माँ, मेरी नज़र से” की रचना अजन्ता ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और आत्मीय भावनाओं के आधार पर की है। यह पुस्तक उनके जीवन की मूल प्रेरणा ज्ञानकुमारी अजीत के व्यक्तित्व और आदर्शों पर आधारित है। यह कृति पारंपरिक आत्मकथा नहीं है बल्कि एक बेटी के दृष्टिकोण से उसकी माँ के गुण, संघर्ष, संस्कार और समर्पण का जाज़्बी वर्णन है।
लेखिका ने कार्यक्रम में साझा किया कि यह पुस्तक उनके लिए जीवन‑भर की प्रेरणा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि माँ के कार्यों और उनके मूल्यों ने न केवल परिवार को संभाला बल्कि समाज और शिक्षा जगत को भी दिशा दी।
माँ के रूप में शिक्षक और समाजसेवी
ज्ञानकुमारी अजीत ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। उन्होंने भारत स्काउट एवं गाइड हाईयर सेकेंडरी स्कूल में प्रदेश की पहली महिला प्रधानाचार्य के रूप में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उनके कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है और उन्हें विभिन्न सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं, जिनमें प्रमुख राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान और स्काउट एवं गाइड के सिल्वर स्टार पुरस्कार शामिल हैं।
उसके अलावा ज्ञानकुमारी अजीत सामाजिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहीं। उनका सरल और मूल्य‑आधारित व्यक्तित्व लेखिका की कलम में संवेदनशीलता के साथ उभरता है, जो पाठकों को भीतर तक छूता है।
विमोचन समारोह में उपस्थित शिक्षाविद, पूर्व छात्र और शुभचिंतक पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहते सुने गए कि यह कृति पीढ़ियों के बीच सेतु का काम करेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि जीवन के गहरे अनुभव और मानवीय मूल्यों का प्रेरक दस्तावेज़ है।
एक वरिष्ठ विद्वान ने टिप्पणी की कि आज की व्यस्त जीवनशैली में ऐसी रचनाएँ याद दिलाती हैं कि माँ का योगदान पुरस्कारों से नहीं, जीवन मूल्यों से मिलता है। उपस्थित दर्शकों ने पुस्तक को “हर पाठक के मन में आत्ममंथन” जगाने वाला बताया।
अब पुस्तक विभिन्न पुस्तक मेलों और साहित्यिक आयोजनों में भी प्रस्तुत की जाएगी, जिससे व्यापक पाठक‑समूह इसे पढ़ सके। इसके साथ‑साथ, प्रकाशक ने बताया कि पुस्तक जल्द ही प्रमुख डिजिटल पुस्तक मंचों पर भी उपलब्ध होगी, जिससे देशभर के पाठकों के लिए यह सुलभ हो सके।
“मेरी माँ, मेरी नज़र से” न केवल माँ के प्रति बेटी की श्रद्धांजलि है, बल्कि उन अनगिनत माताओं के जीवन को उजागर करती है, जिन्होंने अपने कार्य, संस्कार और स्नेह से पीढ़ियों को आकार दिया है। यह रचना शिक्षा, समर्पण और मानवीय मूल्यों की महत्ता को पाठक के सामने स्पष्ट करती है.
हमारे आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें –
🔴 व्हाट्सएप चैनल: https://whatsapp.com/channel/0029VbATlF0KQuJB6tvUrN3V
🔴 फेसबुक: Dainik Jagran MP/CG Official
🟣 इंस्टाग्राम: @dainikjagranmp.cg
🔴 यूट्यूब: Dainik Jagran MPCG Digital
📲 सोशल मीडिया पर जुड़ें और बने जागरूक पाठक।
👉 आज ही जुड़िए!
