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विजय हजारे ट्रॉफी में कोहली-रोहित की मौजूदगी: प्रति मैच 60 हजार फीस, ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ को मिलते हैं सिर्फ 10 हजार
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आईपीएल की करोड़ों की कमाई से दूर, घरेलू क्रिकेट के लिए उतरे दिग्गज; बीसीसीआई की मैच फीस व्यवस्था फिर चर्चा में
विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की मौजूदगी ने घरेलू क्रिकेट को नई पहचान और रफ्तार दी है। जहां एक ओर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ को केवल 10 हजार रुपये की इनामी राशि मिलती है, वहीं सवाल उठ रहा है कि करोड़ों कमाने वाले ये सितारे घरेलू टूर्नामेंट में आखिर कितनी फीस पर खेल रहे हैं। जवाब है—बीसीसीआई की तय मैच फीस, जो अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मुकाबलों की तुलना में बेहद मामूली है।
बीसीसीआई के नियमों के अनुसार विजय हजारे ट्रॉफी में खिलाड़ियों की मैच फीस उनके अनुभव, यानी खेले गए लिस्ट-ए मैचों की संख्या पर निर्भर करती है। विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ‘सीनियर कैटेगरी’ में आते हैं। इस श्रेणी में वे खिलाड़ी शामिल होते हैं, जिन्होंने 40 से अधिक लिस्ट-ए मैच खेले हों। ऐसे खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में शामिल होने पर प्रति मैच 60 हजार रुपये की फीस मिलती है।
इस टूर्नामेंट में मिड-लेवल खिलाड़ियों, यानी 21 से 40 लिस्ट-ए मैच खेलने वालों को प्रति मैच 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। वहीं, जूनियर कैटेगरी में 0 से 20 मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को 40 हजार रुपये प्रति मैच मिलते हैं। यदि कोई खिलाड़ी रिजर्व में रहता है, तो उसे उसकी श्रेणी के अनुसार तय राशि का आधा भुगतान किया जाता है।
गौर करने वाली बात यह है कि ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार मात्र 10 हजार रुपये का होता है, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल के मुकाबलों में मिलने वाली इनामी राशि के सामने बेहद कम है। इसके बावजूद विराट और रोहित जैसे अनुभवी खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेल रहे हैं, जिसे क्रिकेट विशेषज्ञ घरेलू क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के रूप में देख रहे हैं।
दिल्ली की टीम से खेलते विराट कोहली और मुंबई की ओर से मैदान में उतरे रोहित शर्मा की मौजूदगी से स्टेडियम में दर्शकों की संख्या बढ़ी है और टीवी व डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी टूर्नामेंट की व्यूअरशिप में इजाफा हुआ है। युवा खिलाड़ी इन दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर रहे हैं, जो उनके लिए अनुभव और सीख दोनों के लिहाज से अहम है।
क्रिकेट जानकारों का मानना है कि बीसीसीआई की यह फीस संरचना घरेलू क्रिकेट की वास्तविकता को दर्शाती है। यहां पैसा नहीं, बल्कि प्रदर्शन और निरंतरता सबसे बड़ी पूंजी मानी जाती है। विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी जब सीमित फीस के बावजूद घरेलू टूर्नामेंट में उतरते हैं, तो इससे निचले स्तर के खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलती है।
कुल मिलाकर, विजय हजारे ट्रॉफी में कोहली और रोहित की भागीदारी यह संदेश देती है कि भारतीय क्रिकेट की मजबूती की नींव आज भी घरेलू ढांचे पर टिकी है। यह टूर्नामेंट सिर्फ रन और विकेट का नहीं, बल्कि प्रतिबद्धता और परंपरा को आगे बढ़ाने का मंच भी बनता जा रहा है।
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