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दुर्ग में पुलिस आरक्षक की बर्खास्तगी: महिला से यौन उत्पीड़न के आरोप सही पाए गए
दुर्ग (छ.ग.)
बेटे को जेल से छुड़ाने का झांसा देकर महिला से अनैतिक व्यवहार, जांच में दोष सिद्ध
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस विभाग की छवि को झकझोर देने वाले मामले में एक आरक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। महिला से यौन उत्पीड़न और पद के दुरुपयोग के आरोपों की पुष्टि होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने यह सख्त कार्रवाई की। मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र से जुड़ा है।
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, उसका बेटा एक आपराधिक मामले में जेल में बंद था। इसी का फायदा उठाते हुए संबंधित आरक्षक ने बेटे को रिहा कराने में मदद का झांसा दिया और महिला पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया और आपत्तिजनक तरीके से शारीरिक जांच की।
यह घटना 18 नवंबर 2025 को हुई। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, ड्यूटी समाप्त करने के बाद आरोपी आरक्षक ने महिला से संपर्क किया और उसे दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में एक सार्वजनिक स्थान पर बुलाया। इसके बाद वह उसे एक सुनसान इलाके में ले गया।
पीड़िता ने साहस दिखाते हुए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू की। कॉल डिटेल रिकॉर्ड, मोबाइल लोकेशन और गवाहों के बयानों से आरोपों की पुष्टि हुई। जांच में यह भी सामने आया कि घटना से पहले आरोपी ने महिला को कई बार फोन किया था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी घटना के बाद से फरार हो गया था और विभागीय नोटिसों का जवाब नहीं दिया। पर्याप्त साक्ष्य सामने आने और आरोपी के अनुपस्थित रहने के कारण विभागीय जांच की प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए सीधे सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपी ने न केवल कानून, बल्कि पुलिस सेवा के आचरण नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। ऐसे कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला की गरिमा और अधिकारों की रक्षा पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
मामले के सामने आने के बाद स्थानीय संगठनों और नागरिकों में आक्रोश देखा गया। लोगों ने दोषी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने त्वरित निर्णय लिया।
पुलिस अब फरार आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर रही है। साथ ही, पीड़िता को कानूनी सहायता और सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही गई है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की निगरानी वरिष्ठ स्तर पर की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि कानून की रक्षा करने वालों पर निगरानी और जवाबदेही कितनी जरूरी है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों में और सख्ती बरती जाएगी।
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