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बिलासपुर रेल हादसा: CRS रिपोर्ट के बाद DRM और PCEE का ट्रांसफर, सुरक्षा मानकों पर सवाल
CG
रेल हादसे की CRS जांच में चौंकाने वाले खुलासे, 12 यात्रियों की मौत के बाद रेलवे बोर्ड ने उच्चस्तरीय कार्रवाई की
बिलासपुर में हुए मेमू रेल हादसे की रेल सुरक्षा आयुक्त (CRS) ब्रजेश कुमार मिश्रा की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसके तहत बिलासपुर के DRM राजमल खोईवाल और प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (PCEE) राजीव कुमार बरनवाल को उनके पदों से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर वेस्टर्न रेलवे के उमेश कुमार को DRM बनाया गया है।
CRS की 30 पेज की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में ट्रेन संचालन में गंभीर चूक, सिग्नल नियमों की अनदेखी, लोको पायलट की गलत निर्णय क्षमता और रेलवे सिस्टम की तकनीकी खामियों को हादसे का कारण बताया गया है। रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज साइको टेस्ट में फेल होने के बावजूद मेमू चलाने की ड्यूटी पर थीं।
रेलवे बोर्ड ने गुरुवार (11 दिसंबर) को DRM और PCEE का ट्रांसफर आदेश जारी किया। इससे पहले इस मामले में प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर सुबोध चौधरी और सीनियर डीओपी मसूद आलम को हटाया जा चुका था। कुल मिलाकर अब तक इस हादसे के सिलसिले में चार वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है।
हादसा 4 नवंबर को हुआ था, जब गेवरारोड से बिलासपुर आ रही मेमू ट्रेन लालखदान में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में 12 यात्रियों की मौत हो गई और 20 से अधिक यात्री घायल हुए। घटना के तुरंत बाद CRS ने तीन चरणों में विस्तृत जांच की और असिस्टेंट लोको पायलट सहित कई अफसरों के बयान लिए।
जांच में यह सामने आया कि लोको पायलट की अस्थायी अनुमतियों और तकनीकी खामियों के बावजूद ट्रेन संचालन जारी रखा गया। CRS की रिपोर्ट आने से पहले ही रेलवे प्रशासन ने दिखावे के तौर पर कुछ अधिकारियों के तबादले किए थे। 16 नवंबर को सीनियर डीओपी मसूद आलम को अवकाश पर भेजा गया और 3 दिसंबर को प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर सुबोध चौधरी का तबादला हुआ।
रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज को भी सस्पेंड कर दिया गया। रेलवे जोनल मुख्यालय में यह कार्रवाई खलबली मचा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि साइको टेस्ट में फेल लोको पायलट को ट्रेन चलाने की अनुमति देने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई अब भी अपेक्षित है।
रेलवे बोर्ड ने आश्वासन दिया है कि CRS की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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