- Hindi News
- राज्य
- छत्तीसगढ़
- धन के लालच में इंसानियत की बलि: 7 साल की मासूम की तांत्रिक अनुष्ठान में निर्मम हत्या, 5 आरोपी गिरफ्त...
धन के लालच में इंसानियत की बलि: 7 साल की मासूम की तांत्रिक अनुष्ठान में निर्मम हत्या, 5 आरोपी गिरफ्तार
Mungeli, CG

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। महज सात साल की एक मासूम बच्ची को ‘झरन पूजा’ नामक तांत्रिक अनुष्ठान के तहत धन और समृद्धि पाने के लालच में मौत के घाट उतार दिया गया।
घटना जिले के कोसाबाड़ी गांव की है, जहां बच्ची लाली उर्फ महेश्वरी गोस्वामी की हत्या में शामिल आरोपियों में खुद उसके रिश्तेदार—भाई, भाभी और अन्य जान-पहचान के लोग निकले। नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कैसे हुआ खुलासा?
11 अप्रैल की रात बच्ची अपनी मां के पास सो रही थी और अगली सुबह लापता मिली। एक महीने तक खोजबीन के बाद 6 मई को श्मशान के पास खेत में खोपड़ी और मानव अस्थियाँ मिलीं। DNA जांच से पुष्टि हुई कि ये अवशेष लाली के ही थे। पोस्टमॉर्टम में बच्ची पर गहरे चोट के निशान और तांत्रिक क्रियाओं के प्रमाण मिले।
अंधविश्वास का अंधा जाल
पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि यह ‘झरन पूजा’ नामक एक काले तांत्रिक अनुष्ठान का हिस्सा था, जिसमें बलि दी जाती है ताकि धन, समृद्धि और मान-सम्मान मिल सके। इस खौफनाक योजना में शामिल पांच आरोपी हैं:
-
चिम्मन गिरी गोस्वामी – बच्ची का रिश्तेदार भाई
-
ऋतु गोस्वामी – चिम्मन की पत्नी, मुख्य साजिशकर्ता
-
नरेंद्र मार्को – जिसने बच्ची को घर से उठाया
-
आकाश मरावी – तांत्रिक अनुष्ठान का सहायक
-
रामरतन निषाद – बैगा, जिसने झाड़फूंक और बलि करवाई
आरोपियों पर लगा ये केस
सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 103(1), 140, 137(2), 61 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हत्या में प्रयुक्त चाकू, पूजा सामग्री और अन्य सबूत पुलिस ने जब्त कर लिए हैं।
वैज्ञानिक जांच और पुलिस की मेहनत
इस केस की जांच में पुलिस ने अत्याधुनिक जांच पद्धतियाँ अपनाईं, जैसे नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ टेस्ट, और ब्रेन मैपिंग। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और एसपी भोजराम पटेल के नेतृत्व में विशेष जांच टीम गठित की गई थी।
गांव में मातम, समाज में आक्रोश
पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। लोग स्तब्ध हैं कि अंधविश्वास की वजह से इतने क्रूर ढंग से एक मासूम की जान ले ली गई। प्रशासन अब इस तरह की कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है।