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कैसे नशा मुक्त होगा एमपी? पुलिसकर्मी ही बन रहे नशे के सौदागर, 30 किलो डोडाचूरा के साथ आरक्षक गिरफ्तार
Mandsaur, MP

मध्यप्रदेश में नशामुक्ति अभियान ज़ोर-शोर से चलाया जा रहा है, लेकिन जब खुद पुलिसकर्मी ही नशे के कारोबार में लिप्त पाए जाएं, तो अभियान की गंभीरता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
मंदसौर जिले की नारायणगढ़ थाना पुलिस ने बीती रात 30 किलो डोडाचूरा की तस्करी करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक आरोपी स्वयं मध्यप्रदेश पुलिस का आरक्षक निकला।
गिरफ्तार किया गया आरक्षक राजेंद्र सिंह, नीमच पुलिस लाइन में पदस्थ था। जानकारी के अनुसार, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि मंजाखेड़ी-बूढ़ा मार्ग से एक संदिग्ध कार नशीले पदार्थ की तस्करी कर रही है। बूढ़ा चौकी पुलिस ने तुरंत नाकेबंदी की और कार की तलाशी में 30 किलो डोडाचूरा बरामद किया गया।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। शनिवार को आरोपियों को मंदसौर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से पुलिस को दो दिन की रिमांड प्राप्त हुई है। इस पूरे मामले में पूछताछ के दौरान एक और नाम कमलसिंह सामने आया है, जो फिलहाल फरार है। पुलिस ने उसे भी इस केस में आरोपी बनाया है।
घटना सामने आने के तुरंत बाद नीमच के पुलिस अधीक्षक ने आरोपी आरक्षक को निलंबित कर दिया है। मंदसौर एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और फरार आरोपी की तलाश तेज कर दी गई है।
एक ओर प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना के नेतृत्व में नशामुक्ति अभियान चल रहा है, तो दूसरी ओर पुलिस विभाग के ही कुछ कर्मचारी नशे की तस्करी में शामिल हैं। यह घटना पूरे विभाग की छवि पर सवाल खड़े कर रही है और यह स्पष्ट करता है कि नशे के खिलाफ जंग जीतने से पहले खुद पुलिस व्यवस्था को भी स्वच्छ करना ज़रूरी है।