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बैतूल और पांढुर्ना में भूकंप के झटकों से मची हलचल, लोग घर छोड़कर भागे बाहर
बैतूल/छिंदवाड़ा।

शनिवार की रात मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई क्षेत्र और छिंदवाड़ा के पास पांढुर्ना में अचानक धरती कांप उठी।
रात करीब 9 बजकर 40 मिनट पर आए इन हल्के भूकंप के झटकों ने लोगों को कुछ पलों के लिए डरा दिया। झटकों के साथ ही घरों में रखे फर्नीचर और बर्तन हिलने लगे, जिससे लोग घबराकर बाहर निकल आए।
भूकंप का केंद्र बैतूल, गहराई 5 किलोमीटर
मौसम विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ डॉ. संत कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई। इसका केंद्र बैतूल जिले में 21.72° उत्तर अक्षांश और 78.35° पूर्व देशांतर पर स्थित था, जबकि इसकी गहराई लगभग 5 किलोमीटर थी। प्रभावित क्षेत्र मुख्यतः मुलताई और पांढुर्ना रहे।
अचानक हिली धरती, बर्तनों की आवाज से घबराए लोग
स्थानीय निवासियों ने बताया कि भूकंप के समय वे घर के अंदर आराम कर रहे थे, तभी फर्नीचर हिलने लगे और बर्तनों से आवाजें आने लगीं। शुरू में किसी को समझ नहीं आया, लेकिन जब कई लोगों ने झटके महसूस किए तो अफरा-तफरी मच गई और लोग तेजी से घरों से बाहर निकलने लगे। कुछ लोग खुले मैदानों की ओर जाते देखे गए।
डर जरूर फैला, पर नुकसान नहीं
हालांकि राहत की बात यह रही कि इस भूकंप से किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। फिर भी झटकों के कारण लोगों में डर और चिंता का माहौल बना रहा।
भले ही हल्का हो, पर नजरअंदाज न करें
डॉ. शर्मा ने बताया कि 2.5 तीव्रता वाला भूकंप सामान्यत: नुकसानदायक नहीं होता और कई बार लोग इसे महसूस भी नहीं कर पाते। लेकिन हल्के झटके भी किसी बड़े भूकंप की पूर्व सूचना हो सकते हैं, इसलिए इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
कैसे आता है भूकंप?
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, धरती के नीचे सात बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेट्स किसी स्थान पर टकराती हैं या दबाव के कारण टूटती हैं, तो वहां से ऊर्जा बाहर निकलती है। इसी ऊर्जा के अचानक विस्फोट से धरती हिलती है, जिसे भूकंप कहा जाता है।