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‘लोकतंत्र पर धब्बा था आपातकाल’: बरसी पर बोले सीएम डॉ. मोहन, कहा- कभी न दोहराया जाए ऐसा काला अध्याय
Bhopal, MP

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे लोकतंत्र पर सबसे बड़ा कलंक और काला अध्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को जो कुछ भी हुआ, वह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक गहरा धब्बा था, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
लोकतंत्र सेनानियों को किया नमन
सीएम मोहन यादव ने उन लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने आपातकाल के दौरान तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई, जेलें झेलीं और अत्याचार सहकर भी संविधान की गरिमा की रक्षा की। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो उसका श्रेय उन अडिग सेनानियों को जाता है जिन्होंने हर परिस्थिति में संविधान की रक्षा की।
संविधान हत्या दिवस कार्यक्रमों में रहेंगे शामिल
मुख्यमंत्री ने बताया कि वे 25 जून को इंदौर और 26 जून को भोपाल में आयोजित संविधान हत्या दिवस कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इन आयोजनों में विभिन्न लोकतंत्र सेनानियों की उपस्थिति रहेगी, जिन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
"कभी न आए वैसा दिन दोबारा"
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि आपातकाल की भयावहता को याद रखा जाए ताकि भविष्य में कोई भी फिर ऐसी हिमाकत न कर सके। उन्होंने कहा,
"आपातकाल में निर्दोषों को जेल में डाला गया, मीडिया पर प्रतिबंध लगे, अभिव्यक्ति की आज़ादी छिनी गई। यह लोकतंत्र का अपमान था।"
दिवंगत सेनानियों को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने उन दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों को भी याद किया जिन्होंने अपने जीवन में इस ऐतिहासिक लड़ाई को लड़ा और संविधान को जिंदा रखा। उन्होंने जीवित सेनानियों को बधाई देते हुए उनकी भूमिका को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का अमिट हिस्सा बताया।