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मध्यप्रदेश में आसमानी आफत के 48 घंटे: 20 जिलों में रेड अलर्ट, भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश में मानसून अब पूरी शक्ति के साथ सक्रिय हो चुका है और आने वाले 48 घंटे पूरे प्रदेश के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार के लिए 20 जिलों में रेड अलर्ट और पूरे प्रदेश में भारी बारिश का व्यापक पूर्वानुमान जारी किया है। इससे न सिर्फ जनजीवन प्रभावित होगा, बल्कि कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका भी है।
बारिश का बढ़ता खतरा: कहां-कहां है अलर्ट?
राज्य के जिन 20 जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है, उनमें शामिल हैं:
ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, मंडला और बालाघाट।
इन जिलों में 24 घंटों के भीतर 4 से 4.5 इंच तक बारिश की आशंका है।
इसके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, नरसिंहपुर, बैतूल, देवास, सीहोर, छिंदवाड़ा और रतलाम जैसे जिलों में भी लगातार बारिश की चेतावनी जारी की गई है, हालांकि यहां फिलहाल यलो अलर्ट लागू है।
1 और 2 जुलाई को चरम पर रहेगा मानसून, अति भारी बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 1 और 2 जुलाई को मध्यप्रदेश में मानसून की सबसे तीव्र लहर दस्तक दे सकती है। विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में अति भारी वर्षा (अत्यधिक तेज बारिश) की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर आ सकते हैं और निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं।
मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी: सिस्टम ड्यूल एक्टिव है
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के मुताबिक, इस समय मध्यप्रदेश के ऊपर एक टर्फ लाइन (low pressure trough) गुजर रही है, जो राजस्थान से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके साथ ही एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती परिसंचरण तंत्र) प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में सक्रिय हो गया है। इन दोनों सिस्टम्स के कारण पूरे राज्य में मॉनसूनी बादल गहरे हो गए हैं और लगातार भारी वर्षा हो रही है।
बीते 24 घंटे: ग्वालियर में रिकॉर्ड बारिश, अन्य जिलों में भी पानी ही पानी
रविवार को ग्वालियर में सिर्फ 9 घंटों में 3 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
अन्य जिलों में भी आंकड़े चौंकाने वाले रहे:
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भोपाल में सवा इंच,
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नर्मदापुरम में डेढ़ इंच,
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रायसेन में पौन इंच,
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बैतूल में आधा इंच पानी
गिरा।
वहीं इंदौर, गुना, रतलाम, उज्जैन, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, नरसिंहपुर, बड़वानी, सिवनी, शाजापुर, आगर-मालवा और देवास में भी रुक-रुक कर झमाझम बारिश होती रही।
प्रशासन अलर्ट पर, आमजन के लिए एडवाइजरी जारी
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। निचले इलाकों में रहने वालों को सचेत किया गया है और स्थानीय प्रशासन ने जरूरत पड़ने पर राहत शिविर तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
जनता से अपील की गई है कि:
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बेवजह घरों से बाहर न निकलें,
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जलजमाव वाले क्षेत्रों से दूरी बनाकर रखें,
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बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले तारों से दूर रहें,
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सरकारी अलर्ट और चेतावनियों पर ध्यान दें।
राज्य की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन आने वाले दो दिन भारी पड़ सकते हैं। प्रशासनिक मशीनरी को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है, लेकिन प्राकृतिक आपदा की तीव्रता अनिश्चित होती है। अतः नागरिकों से आग्रह है कि वे पूरी एहतियात बरतें और किसी भी आपात स्थिति में 1079 (आपदा राहत हेल्पलाइन) या नजदीकी नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।