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जेली खिलाने की लापरवाही ने ली मासूम की जान, सीहोर में हिला देने वाली घटना
SEHORE, MP

जहांगीरपुर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर अभिभावक को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
डेढ़ साल के मासूम आयुष लोधी की जेली खाने से दम घुटने से मौत हो गई। परिजनों ने उसे खुश करने के लिए जेली खिलाई थी, लेकिन वही जेली उसकी जिंदगी की आखिरी मिठास बन गई।
जानकारी के अनुसार, आयुष के पिता करण सिंह लोधी और उनका पूरा परिवार उसे बेहद लाड-प्यार करते थे। शनिवार को उन्होंने बेटे को मनाने के लिए जेली खाने को दी। लेकिन जेली खाते ही आयुष अचानक घबरा गया, रोने लगा और जोर-जोर से सांस लेने की कोशिश करने लगा। परिजन कुछ समझ पाते, इससे पहले ही बच्चे की हालत बिगड़ गई।
परिवार उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल, सीहोर लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच में सामने आया कि जेली उसके गले में फंस गई थी, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
विशेषज्ञों की चेतावनी: 3 साल से कम उम्र के बच्चों को न दें जेली, ड्राई फ्रूट्स, अंगूर जैसी चीजें
इस घटना के बाद सिविल सर्जन डॉ. प्रवीर गुप्ता ने बताया कि छोटे बच्चों में भोजन निगलने की प्रक्रिया पूरी तरह विकसित नहीं होती है। खासकर 3 साल से कम उम्र के बच्चों को गोल, सख्त, चिपचिपी या फिसलन भरी चीजें देना खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसी चीजें गले में फंसकर दम घुटने का कारण बन सकती हैं।
एक माँ-बाप की लाड़ में हुई चूक, सबक बन गई
आयुष की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि हर माता-पिता के लिए एक कड़ी चेतावनी है। प्यार में दी गई एक मिठास, एक छोटी-सी लापरवाही में बदल गई और एक मासूम की सांसें थम गईं। ऐसे हादसे टाले जा सकते हैं, अगर हम बच्चों की उम्र, उनकी क्षमता और सुरक्षा को ध्यान में रखें।
सावधानी ही सुरक्षा है — इन चीजों को छोटे बच्चों से दूर रखें:
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जेली, टॉफी, नट्स, अंगूर, काजू, मूंगफली
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सिक्के, छोटे खिलौने या उनके हिस्से
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पॉपकॉर्न, चॉकलेट्स, साबूदाना जैसे फिसलन भरे खाद्य पदार्थ