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भोपाल में राहुल गांधी की 5 घंटे बैठकें: बोले- संगठन में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं, दोषियों पर खुद करूंगा कार्रवाई
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल मंगलवार को उस वक्त राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गई जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं और विधायकों के साथ करीब 5 घंटे तक लगातार मैराथन बैठकें कीं। इन बैठकों में उन्होंने न सिर्फ आगामी राजनीतिक रणनीति पर चर्चा की, बल्कि संगठनात्मक ढांचे को मज़बूत करने के लिए कई सख्त निर्देश भी दिए।
बैठक में राहुल गांधी ने साफ संदेश दिया कि कांग्रेस को गुटबाजी और आंतरिक खींचतान से बाहर निकालकर एकजुट और ज़मीनी स्तर पर मज़बूत बनाना उनका प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिलों में पार्टी नेतृत्व के चयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आई तो वे स्वयं कार्रवाई करेंगे। राहुल ने यह भी दोहराया कि पार्टी के हित को सर्वोपरि रखते हुए सही व्यक्ति को सही स्थान पर नियुक्त किया जाए।
कमेटी गठन से संगठन को देंगे मज़बूती
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भाजपा की सांगठनिक पकड़ को चुनौती देने के लिए कांग्रेस अब पंचायत से लेकर शहरों के वार्ड स्तर तक कमेटियों का गठन करेगी। राहुल गांधी ने निर्देश दिए कि यह कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया जाए, ताकि कांग्रेस का संदेश आम जनता तक प्रभावी रूप से पहुँच सके।
कांग्रेस के मीडिया विभाग प्रमुख मुकेश नायक ने जानकारी दी कि पार्टी अब स्थानीय स्तर पर संगठनों को फिर से जीवंत करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कोशिश है कि प्रत्येक वार्ड और पंचायत में एक मज़बूत टीम बनाई जाए जो राष्ट्रीय मुद्दों और पार्टी की विचारधारा को आमजन तक पहुंचा सके।
विधायकों से खुली बातचीत, युवाओं को मिलेगा मौका
राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यालय में विधायकों की भी अलग बैठक ली, जिसमें उन्होंने सुझाव मांगे और हर विधायक की बात को गंभीरता से सुना। विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि संगठन में अनुशासन और युवाओं की भागीदारी बढ़ाना बेहद ज़रूरी है, तभी 2028 में सत्ता में वापसी संभव होगी।
वहीं विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि “ऐसे ऊर्जावान युवाओं को आगे लाया जाए जो सभी वर्गों को जोड़कर चलने की क्षमता रखते हों।” सुरेश राजे समेत अन्य विधायकों ने संगठन में समन्वय की कमी और ज़िम्मेदारी निभाने में हो रही लापरवाही पर भी सवाल उठाए।
अनुशासनहीनता पर सख्ती, अब बर्दाश्त नहीं होगी ढिलाई
बैठकों के दौरान कांग्रेस के अंदर अनुशासनहीनता पर भी विशेष रूप से चर्चा की गई। कई विधायकों ने शिकायत की कि संगठन में लंबे समय से अनुशासनहीनता को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अब पार्टी ऐसी किसी भी लापरवाही को नहीं सहेगी।
कांग्रेस नेतृत्व ने फैसला किया है कि अब संगठन के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी और एक स्पष्ट अनुशासन नीति लागू की जाएगी।
राहुल गांधी का संदेश: ज़मीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को मिलेगा सम्मान
बैठक का सबसे अहम संदेश यह था कि कांग्रेस अब ज़मीनी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देगी। राहुल गांधी ने कहा, "जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है, उन्हें सम्मान और ज़िम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी के किसी पद पर चयन सिर्फ संबंधों और निजी हितों के आधार पर नहीं होगा, बल्कि कार्य और जनसमर्थन के आधार पर तय किया जाएगा।"