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सर्जिकल वार्ड में टहलती दिखी आवारा गाय, सिविल सर्जन बोले- यह मेरा काम नहीं; संक्रमण का खतरा बढ़ा
Sidhi, MP
सीधी जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में एक आवारा गाय के खुलेआम घूमने का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सीधी जिले के सरकारी अस्पताल में मंगलवार को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में एक गाय खुलेआम घूमती नजर आई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि गाय बेड के बीच आराम से टहल रही है और मरीज बेबस होकर उसे देख रहे हैं।
ऑपरेशन के बाद भर्ती मरीज हुए परेशान
जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम सर्जिकल वार्ड में ऑपरेशन के बाद भर्ती मरीज इलाज ले रहे थे। उसी दौरान गाय वार्ड में दाखिल हो गई। उसे देखकर मरीजों और परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने मिलकर गाय को बाहर निकालने की कोशिश की।
सुबह वायरल हुआ वीडियो
मंगलवार सुबह 9 बजे यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में गाय वार्ड के अंदर मरीजों के बेड के बीच घूमती दिख रही है। लोगों ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा — “जहां इंसानों के ऑपरेशन होते हैं, वहां मवेशी घूम रहे हैं, यही है हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था।”
समाजसेवियों ने जताई चिंता
स्थानीय समाजसेवी प्रांशु गुप्ता ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा —
“सर्जिकल वार्ड जैसे संवेदनशील हिस्से में मवेशियों का प्रवेश संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है। यह सीधे तौर पर मरीजों की जान से खिलवाड़ है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल की जिम्मेदारी सिविल सर्जन और सीएमएचओ की है, लेकिन दोनों अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। गुप्ता ने यह भी कहा कि सीएमएचओ डॉक्टर बबीता खरे, जो सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे की पत्नी हैं, के कारण जवाबदेही पर असर पड़ रहा है।
सिविल सर्जन का गैरजिम्मेदाराना जवाब
जब इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे से बात की गई, तो उन्होंने साफ कहा —
“अस्पताल में गाय घुस गई तो यह मेरा काम नहीं है, मेरा काम मरीजों का इलाज करना है।”
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर आलोचना का विषय बन गया है। लोगों का कहना है कि जब अस्पताल का मुखिया ही जिम्मेदारी से बचने लगे, तो बाकी व्यवस्था कैसे सुधरेगी?
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने जिला प्रशासन से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं आम हो जाएंगी और मरीजों की जान खतरे में पड़ती रहेगी।
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